जानकारी देते हुए बता दें कि कैंसर जैसी बड़ी बीमारी का सामना कर रहें गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन 17 मार्च को हो गया है| उन्होंने दो महीने पहले ही कहा था, कि जब तक उनकी सांस चलती रहेगी, तब तक वह जनता की सेवा करते रहेंगे|
बता दें, कि गोवा के मुख्यमंत्री अपने इस वादे को अपनी आख़िरी सांस तक निभाया है, और अब 63 साल की उम्र में उनका निधन हो गया है| मनोहर पर्रिकर की अंतिम समय की गतिविधियों के बारे में गोवा में बीजेपी सरकार के मंत्री विश्वजीत राणे ने बताया है, कि अब गोवा में मनोहर पर्रिकर जैसा कोई दूसरा मंत्री नहीं हो सकता है|
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कुछ समय पहले ही राणे ने मनोहर जी को कार्यों के प्रति समर्पित होने के बारे में बताया कि ,”बेहद बीमार अवस्था में, शरीर में ट्यूब और बैग लगा होने के बावजूद भी लगातार काम करते रहे | इसी के साथ कहा कि यदि मैं उनसे उस दिन अस्पताल मिलने के लिए नहीं पहुंचा होता, तो मैं अब भी उनके इस समर्पण को नहीं समझ पाता|
श्री राणे ने कहा, कि मैं उस दिन अपने साथ अस्पतालों से जुड़ी एक फाइल लेकर मनोहर के पास पहुंचा था, उस फाइल में हमें मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के हस्ताक्षर की आवश्यकता थी| इसके बाद मुख्यमंत्री ने स्वयं उस फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए हमें अन्दर बुलाया और उसमें उन्होंने अपने आख़िरी दस्तक किये थे| बता दें, कि मनोहर पर्रिकर जी के निधन पर केंद्र सरकार ने एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है|
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