दिल्ली में अगले छह महीने के भीतर 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव होने हैं| जिसमें से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर एक बड़ा मुद्दा बनने की संभावना है। अब इस मुद्दे को लेकर दिल्ली में राजनीति गरमा चुकी है। बुधवार 25 सितंबर को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने बयान देते हुए कहा कि, ‘NRC के बाद मनोज तिवारी को छोड़नी होगी दिल्ली’|
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इसके कुछ समय बाद ही अरविंद केजरीवाल और दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के बीच ट्वीटर वार्तालाप शुरू हो गई| जानकारी देते हुए बता दें कि, बुधवार 25 सितंबर को सीएम अरविंद ने दिल्ली में पत्रकार वार्ता के दौरान एनआरसी लागू होने पर कहा कि, ‘अगर ऐसा हुआ तो सबसे पहले मनोज तिवारी को दिल्ली से जाना पड़ेगा।’ इसके बाद इस पर मनोज तिवारी ने इशारा करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल की समझ पर सवाल खड़ा कर दिया|
केजरीवाल के बयान पर दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पलटवार किया और कहा कि, मुख्यमंत्री दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल सहित दूसरे राज्य के अन्य लोगों को विदेशी समझते हैं। उन्हें मालूम होना चाहिए कि एनआरसी लागू होने बंगलादेशी और रोहंगिया घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।’
बता दें कि, 25 सितंबर को मीडिया से बातचीत के दौरान दिल्ली में एनआरसी लागू किए जाने की भाजपा की मांग के सवाल पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, दिल्ली में एनआरसी लागू होता है, तो सबसे पहले मनोज तिवारी को दिल्ली छोड़नी होगी।’
इसके बाद मनोज तिवारी ने करते हुए पूछा कि, क्या आप दिल्ली से उन्हें बाहर निकालना चाह रहे हैं? आप भी उन्हीं में से एक हैं। अगर यह उनका मत है, तो यह मेरे हिसाब से उनकी दिमागी हालत खराब है। वह एक आइआरएस ऑफिसर रहे चुके हैं, और उन्हे पता होगा कि एनआरसी क्या होता है?
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