निजी क्षेत्र के कार्य करनें वाले कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है| किसी कर्मचारी की नौकरी छूट जाने के बाद भी उनका पीएफ खाता पहले की भांति चलता रहेगा। कर्मचारी नौकरी जाने के एक महीने बाद अपने पीएफ खाते से 75 फीसदी तक धनराशि निकाल सकते हैं। यदि तीन माह के अन्दर नौकरी प्राप्त नही होती है, तो वह खाते में बची हुई 25 फीसदी राशि भी अपनें अकाउंट से निकाल सकते है, इसके साथ ही वह अपना खाता चालू भी रख सकते हैं
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ईपीएफओ ने नियमों में संशोधन के बाद अंशधारक को यह अधिकार दिए गए हैं। जिसमें अब नौकरी जाने पर भी पीएफ खाता बंद नहीं होगा। पीएफ अंशधारक को पीएफ खाते में जमा धनराशि पर ब्याज मिलता रहेगा, परन्तु तीन वर्ष बाद ब्याज मिलना बंद हो जाएगा, लेकिन अंशधारक का खाता फिर भी चालू रहेगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने कर्मचारियों को खाते का आसान तरह से संचालन का अधिकार दिया है।
जबकि इससे पहले के नियमों के अनुसार, कर्मचारी एक साल के बाद ही पीएफ खाते में जमा धनराशि से एडवांस देने का विकल्प था, लेकिन अब नौकरी जाने के बाद एक महीने में ही धन निकालने की सुविधा दे दी गई है। अंशधारक के पास नई नौकरी ढूढऩे के लिए तीन महीने का वक्त होता है, यदि तीन माह बाद भी उसे नई नौकरी नहीं मिलती है, तो वह अपनें खाते से शेष पूरी रकम निकाल सकता है।