पुलवामा आतंकी हमले पर विश्व मीडिया क्या बोला – यहाँ पढ़े

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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सबसे घातक आतंकी हमला हुआ है, जिसमे कम से कम 37 जवान शहीद हुए है और 40 से ज्यादा घायल हो गए है | श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर कल एक आत्मघाती हमलावर ने अपनी विस्फोटकों से भरी हुई एसयूवी कार को सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी थी जिससे विस्फोट हो गया और इतना बड़ा हादसा हुआ है | इस घटना के बाद विश्व के कई देशों की मीडिया में गुस्सा देखा जा रहा है |

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द वॉशिंगटन

तीन दशक में कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला

भारत में हुए पुलवामा हमले में अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन ने लिखा है, कि “कश्मीर में तीन दशक में पहली बार सेना पर इतना बड़ा हमला हुआ है। जैश-ए-मोहम्मद कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाना चाहता है। पिछले साल संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका ने इस आतंकी संगठन के मुखिया मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था, पर चीन ने वीटो कर दिया था।”

बीबीसी

भारतीय सुरक्षाबलों पर अब तक का सबसे घातक हमला

इंग्लैण्ड के बीबीसी न्यूज ने लिखा है कि “आतंकियों ने भारतीय सुरक्षाबलों पर अब तक का सबसे घातक हमला किया है | पाकिस्तानी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली है | यह दो दशक में सबसे बड़ा आतंकी हमला है | कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान अपना- अपना दावा जताते रहे हैं | दोनों देश अभी तक तीन लड़ाई भी लड़ चुके हैं | “

द गार्जियन

करीब 20 सालों में विवादित क्षेत्र में पहला आत्मघाती कार बम विस्फोट

इंग्लैंड के प्रसिद्ध अखबार द गार्जियन ने लिखा है कि, “भारत के इतिहास में युद्ध क्षेत्र के बाहर हुए सबसे घातक हमलों में एक है | वृहस्पति वार को 20 वर्षों में कार बम का का पहली बार प्रयोग किया गया है, यह अभी तक का सबसे बड़ा हमला है | संयुक्त राष्ट्र और ब्रिटेन ने जैश-ए-मोहम्मद को आतंकवादी समूह घोषित किया है और पाकिस्तानी सरकार के भीतरी तत्वों के संबंध होने का आरोप लगाया है। चीन ने भारत सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जैश के सरगना मसूद अजहर को आतंकवादी घोषित करने की कोशिशों पर बार-बार रोड़ा अटकाया है।”

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साउथ चाइना मॉर्निंग

हमले का संदेह पाकिस्तान पर

चीन के प्रसिद्ध अखबार साउथ चाइना ने लिखा है कि, “तीन दशक पहले क्षेत्र में उग्रवाद शुरू होने के बाद से सुरक्षाकर्मियों पर किया गया सबसे बुरा हमला है। इस घटना के बाद शक की सूई सीधे पाकिस्तान की ओर मुड़ जाती है। कश्मीर में साल 2000 से 2005 तक कई कार बम विस्फोट हुए जिसमें भारतीय सैनिकों को बड़ी क्षति पहुंची। इन हमलों ने भारतीय अधिकारियों को कश्मीर में काम कर रहे सैनिकों के लिए बमरोधी बख्तरबंद वाहनों की खरीद के लिए मजबूर किया था।”

इसके बाद साउथ चाइना मॉर्निंग में लिखा गया है, कि “भारतीय सैनिक कश्मीर में हर जगह मौजूद हैं और उनकी उपस्थिति को लेकर स्थानीय निवासी अपने गुस्सा को थोड़ा गुप्त बनाए रखते हैं।”

पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’

5 लाख जवान तैनात कर रखे हैं, फिर भी सबसे बड़ा आतंकी हमला

पाकिस्तानी अखबार डॉन ने हमले पर भारतीय सेना पर व्यंग्य किया है, जो इस प्रकार है- “सितंबर 2016 के बाद भारतीय सेना पर यह सबसे बड़ा हमला है। कश्मीर में भारत ने 5 लाख जवान तैनात कर रखे हैं। कश्मीर 1989 से आजादी या पाकिस्तान में विलय के लिए लड़ाई लड़ रहा है। भारत पाकिस्तान को कश्मीर में अस्थिरता का दोषी ठहराता रहा है, जबकि पाकिस्तान इसे खारिज करता रहा है।”

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