उच्चतम न्यायालय के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने आज संसद में राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ ले लिए हैं । भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बृहस्पतिवार को विपक्षी सदस्यों के शोर शराबे के बीच राज्यसभा के सदस्य के तौर पर शपथ ले लिए हैं । जबकि, इसके पश्चात विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने सदन से चले गए । राज्यसभा सासंद सदस्य के तौर पर शपथ लेने के लिए संसद भवन पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अपने पत्नी के साथ पहुंचे थे । शपथ लेने से पूर्व रंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य के रूप में नोमिनेशन के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय में मधु पूर्णिमा किश्वर ने याचिका दायर कर चुनौती मांगी थी । मधु किश्वर ने बगैर किसी कानूनी प्रतिनिधि के इस वजह से यह याचिका लगाई है कि संविधान का मूल अधिकार ‘ज्यूडिशयरी की स्वतंत्रता’ है और इसे लोकतंत्र का स्तंभ माना जाता है ।
Rajya sabha | Qualification| Term| Seat | Members List
पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के राज्यसभा सदस्य के रूप में नोमिनेशन के विरुद्ध याचिका में बताया गया है कि देश के नागरिकों का विश्वास ज्यूडिशियरी की मजबूती होती है । ऐसे स्थिति में कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे ज्यूडिशियरी की स्वतंत्रता पर निगेटिव असर हो, जैसा कि वर्तमान समय में है जब पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए नॉमिनेट किया जाता है तो यह ज्यूडिशियरी की स्वतंत्रता पर प्रहार है ।
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उधर, उच्चतम न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए नामित किए जाने के पश्चात जहां विपक्ष हमलावर है । इस बीच,पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बताया था ‘मुझे पहले शपथ ग्रहण कर लेने दीजिए फिर उसके बाद मैं मीडिया से विस्तार रूप से बात करूंगा कि मैंने यह स्वीकार क्यों किया और मैं राज्यसभा में किस लिए जा रहा हूं ।’
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