सबसे पहले सहारनपुर सीट पर चुनाव 1952 में हुए थे| 1952 से 1977 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था इसके बाद 1977 में आपातकाल के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित होने वाले चुनाव में जनता दल ने इस सीट पर कब्ज़ा कर लिया था|
वर्ष 1984 में कांग्रेस ने फिर वापसी की| इसके बाद यह सीट 1996 के बाद भारतीय जनता पार्टी के पाले में चली गयी, इसके पश्चात यह सीट दो बार बहुजन समाज पार्टी, एक बार समाजवादी पार्टी के पास रही| 2014 लोकसभा चुनाव में यह फिर से भारतीय जनता पार्टी के खाते में आ गयी है, अब देखना यह है, कि लोकसभा चुनाव 2019 में यह किसके खाते में जाती है|
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वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में सहारनपुर सीट पर प्रत्याशियों का प्रदर्शन इस प्रकार था-
दल | प्रत्याशी | वोट | प्रतिशत |
भारतीय जनता पार्टी | राघव लखनपाल | 472,999 | 39.6 फीसदी |
कांग्रेस | इमरान मसूद | 407,909 | 34.2 फीसदी |
बसपा | जगदीश सिंह राणा | 235,033 | 19.7 फीसदी |
सहारनपुर एक दलित और मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है, वर्ष 1951 में यह दो लोकसभा क्षेत्रों में बांटा गया था| यहाँ पर एक क्षेत्र देहरादून जिला और बिजनौर उत्तर-पूर्व लोकसभा सीट का हिस्सा था, जबकि दूसरे हिस्से का नाम सहारनपुर पश्चिम और मुजफ्फरनगर उत्तर लोकसभा सीट था| वर्ष 1957 में इन दोनों सीटों का पुनर्गठन किया गया था और इसे सहारनपुर लोकसभा का नाम दिया गया|
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