बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम) से कई बच्चों की मौत हो चुकी है, जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट ने गहरी चिंता जाहिर की है, और सर्वोच्च अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों से बच्चों की मौत पर जवाब भी देने के लिए भी कह दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बुखार को रोकने के लिए किए उपाय और संबंधित कार्यक्रमों के बारे में राज्य सरकार को 7 दिन के अंतर्गत हलफनामा दायर कर जवाब देने का आदेश भी दे दिया है|
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बता दें, कि मनोहर प्रताप और सनप्रीत सिंह अजमानी की ओर से याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर आज 24 जून को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई है। याचिकाकर्ताओं
ने दावा किया है, कि सरकारी सिस्टम इस बुखार का सामना करने में पूरी तरह से फेल रहा है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि, चमकी बुखार से होने वाली मौत को रोकने में सरकारी तंत्र पूरी तरह से विफल रहा है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से तत्काल मेडिकल बोर्ड गठन करने के लिए कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों की मौत को गंभीर मामला माना है जिसपर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, ‘बच्चों की मौत का यह सिलसिला यूं ही जारी नहीं रहने दिया जा सकता। सरकारों को इस बारे में हमें जवाब देना ही होगा। बीमारी की रोकथाम के लिए क्या प्रयास हुए और कौन से सुरक्षा कदम उठाए गए हैं| यह हलफनामा दायर कर हमें केंद्र, बिहार और राज्य सरकार बताए।’
सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा, कि राज्य सरकार बुखार की रोकथाम के लिए दवाइयों की उपलब्धता पर भी अपना जवाब दाखिल करे|
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