Ayodhya Land Case : मंगलवार 6 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या जन्मभूमि मामले में शुरू सुनवाई का आज दूसरा दिन हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में निर्मोही अखाड़ा से दस्तावेज से जुड़े सबूतों पर अपना अधिकार साबित करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि, क्या आपके पास कुर्की से पहले राम जन्मभूमि के कब्जे का मौखिक या लिखित सबूत रिकॉर्ड में है ? जिसके जवाब में निर्मोही अखाड़ा ने कहा है, 1982 में एक डकैती हुई थी, इसमें उन्होंने रिकॉर्ड खो दिए।
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इस बीच परासरन ने वाल्मीकि रामायण का हवाला दिया और कहा कि, भगवान राम का अयोध्या मे जन्म हुआ था। ये रामजन्मभूमि है। इतने लंबे समय बाद ये साबित करना मुश्किल है कि, जन्म ठीक किस जगह हुआ था, लेकिन लाखों लोगों की आस्था और विश्वास है कि यह राम जन्म स्थान है।’
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील कुमार जैन से कहा है कि, वो अगले दो घंटे में मौखिक या दस्तावेज से जुड़े सबूत देखना चाहेंगे। न्यायमूर्ति धनंजय चंद्रचूड़ ने कहा है, ‘हमें मूल दस्तावेज दिखाएं। इसका जवाब देते हुए निर्मोही अखाड़ा के वकील सुशील कुमार जैन ने कहा कि, इससे संबंधित दस्तावेज इलाहाबाद हाईकोर्ट की जजमेंच के हवाले है।”
आज 7 अगस्त को दूसरे दिन की सुनवाई में निर्मोही अखाड़ा ने कहा कि वह ओनरशिप और क़ब्ज़े की मांग कर रहे हैं। ओनरशिप का मतलब मालिकाना हक नही बल्कि क़ब्ज़े से है।’ उनका कहना है कि, उन्हें रामजन्मभूमि पर क़ब्ज़ा दिया जाए।’
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