योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में अर्ध कुंभ का आयोजन महाकुंभ की भांति कर एक इतिहास बना दिया है| इस बार प्रयागराज में कुंभ पूर्व से कई गुना अधिक भव्य है| इस इतिहास के साथ-साथ योगी सरकार एक और इतिहास रचने जा रही है, 56 वर्ष बाद कैबिनेट बैठक का आयोजन पहली बार लखनऊ से बाहर प्रयागराज में किया जा रहा है|
बैठक के पहले आदित्य योगीनाथ कैबिनेट के मंत्री और सीएम के साथ संगम तट पर स्नान करेंगे, स्नान के बाद सभी कैबिनेट की बैठक में शामिल होंगे| योगी सरकार कैबिनेट की बैठक का आयोजन प्रयागराज में करनें का उद्देश्य पूरी दुनिया में धार्मिक संदेश पहुंचाना है| यह बैठक 28 या 29 जनवरी को संगम तट पर बने टेंट सिटी में होगी |
वास्तव में यह एक नया इतिहास बनेगा, जब लगभग चार दर्जन मंत्रियों की भीड़ तट पर जो भी निर्णय लेगी वह इतिहास में दर्ज हो जाएगा|
आज से लगभग 1400 वर्ष पूर्व सम्राट हर्षवर्धन कुंभ के अवसर पर राजधानी कन्नौज के बजाय संगमतट पर लगभग 75 दिनों तक निवास करते थे, और वह यहीं से राजकाज का संचालन करते थे। जब उत्तर प्रदेश का विभाजन नहीं हुआ था, उस समय गर्मियों में कैबिनेट की बैठकें नैनीताल में की जाती थी, यहाँ तक गर्मियों में अंग्रेज भी नैनीताल से बैठ कर शासन करते थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, योगी आदित्यनाथ सरकार इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगनें की संभावनाए है, हालांकि अभी कैबिनेट के विचारार्थ लाए जाने वाले प्रस्ताव फाइनल नहीं हुए हैं, ऐसा कयास लगाया जा रहा है, कि साधु-संतों के लिए पेंशन का ऐलान किया जा सकता है,साधु-संतों को यह पेशन उनकी पात्रता के अनुसार दी जाएगी ।