Navratri 2019: इन दिनों नवरात्रि के बहुत ही शुभ दिन चल रहें हैं| सभी भक्त माता के लिए व्रत भी कर रहें है| नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती हैं| वहीं आज नवरात्रि का छठा दिन है, जिसमें मां कात्यायनी की पूजा की जाती है| बता दें कि, माता कत्यायनी के स्वरूप को मां दुर्गा के करुणामयी और शत्रुओं का नाश करने वाला माना जाता है| पौराणिक मान्यता के मुतबिक, मां दुर्गा ने कत्यायनी का स्वरूप अपने भक्तों की तपस्या को सफल बनाने के लिए लिया था|
इसे भी पढ़े: नवरात्रि में इस पूजा सामाग्री के साथ करें माता रानी की पूजा
धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक, महर्षि कात्यायन ने सालों तक माता की अराधना की थी| कात्यायन की अराधना से प्रसन्न होकर माता ने उन्हें उनकी पुत्री के रूप में जन्म लेने का वारदान दिया, जिसके बाद माता ने महर्षि के घर जन्म लिया| मां कात्यायनी को महिषासुर मर्दिनी के नाम से जाना जाता है|
मां कात्यायनी की पूजा विधि
इस दिन सबसे पहले घर में स्थापित कलश और गणपति की पूजा की जाती है| इसके बाद माता के साथ अन्य देवी-देवताओं की भी पूजा की होती है, फिर देवी कात्यायनी की पूजा प्रारम्भ की जाती है| माँ कात्यानी की पूजा के लिए सबसे पहले हाथों में फूल लेकर मां कात्यायनी को प्रणाम किया जाता है| इसके बाद पूजन और व्रत का संकल्प लेकर वैदिक और सप्तशती मंत्रों से मां कात्यायनी के साथ-साथ समस्त स्थापित देवताओं की षोडशोपचार पूजा की जाती है| धूप-दीप, फल, पान, दक्षिणा चढ़ाएं और मंत्रोपचार के साथ पुष्पांजलि चढ़ाये जाते है| इसके बाद माता को प्रसाद चढ़ाकर आरती की जाती है| फिर यही प्रसाद परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों को बांटना चाहिए|
मां कात्यायनी उपासना मंत्र
‘या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
इस श्लोक का अर्थ है- हे मां! सर्वत्र विराजमान और शक्ति -रूपिणी प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है |
माँ कत्यानी के व्रत में इस रंग के पहनें कपड़े
इस दिन लाल रंग के कपडे पहनना काफी शुभ माना जाता है| यह रंग सफलता, उत्साह, शक्ति, सौभाग्य एवं ताकत को दर्शाता है| जिन लोगो को यह रंग पसंद होता है, वे विशाल हृदय के स्वामी, उदार उत्तम वयक्तित्व गुणों वाले रहते है|
इसे भी पढ़े: 29 सितंबर से शुरू हो रही नवरात्रि, जानें कब है कलश स्थापना और दुर्गा अष्टमी