अक्सर अलीगढ़ किसी न किसी विवाद का केंद्र बना रहता है | सभी राजनैतिक दल इस सीट पर अपनी- अपनी राजनैतिक रोटियां सेकते हुए नजर आते है | अलीगढ़ लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ था | 1952 और 1957 के चुनाव में कांग्रेस ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी | 1957 के बाद हुए चुनाव में लगातार चार बार गैर कांग्रेसी दल ने यहाँ पर जीत दर्ज की | 1967, 1971 में भारतीय क्रांति दल और 1977, 1980 में जनता दल ने इस सीट पर कब्ज़ा किया था | 1984 में इस सीट पर कांग्रेस ने वापसी की थी |
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1989 के चुनाव में जनता दल के सत्यपाल मलिक ने जीत दर्ज की | इस चुनाव के बाद यह सीट एक प्रकार से भारतीय जनता पार्टी का गढ़ बन गई | 1991, 1996, 1998 और 1999 में शीला गौतम ने बीजेपी को लगातार जीत दिलायी |
2004 के चुनाव में कांग्रेस ने दोबारा फिर से वापसी की |
2009 के चुनाव में बसपा ने इस सीट पर कब्ज़ा कर लिया |
2014 की मोदी लहर में बीजेपी के सतीश गौतम ने बड़ी जीत दर्ज की |
अलीगढ़ जिले में लगभग 20 प्रतिशत मुस्लिम है और लगभग 80 प्रतिशत हिंदू मतदाता हैं, यहां करीब 17 लाख मतदाता हैं, इनमें करीब 9.65 लाख पुरुष और 8 लाख महिला मतदाता हैं |
नोट: अलीगढ़ लोकसभा सीट पर 18 अप्रैल 2019 को मतदान कराया जायेगा |
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