चाणक्य नीतिः आचार्य चाणक्य ने व्यक्ति के जीवन में संगत और कुसंगत क्या असर पड़ता है, उसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया है| प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में दोस्त जरूर बनाता है, वहीं चाणक्य के मुताबिक नौकरी, करियर, रुपये-पैसे और जीवन से जुड़े हर पहलू पर मित्रों की संगत का बहुत गहरा असर होता है।
चाणक्य नीति के अनुसार दुराचारी मित्रों की संगत से बेहतर है, कि व्यक्ति अकेले रहते हुए अपना जीवन व्यतीत करे। अन्यथा उसकी जिंदगी से सुख चैन छिनने में देर नहीं लगेगी, इसलिए यदि आपके दोस्त इस तरह हैं, तो उनसे आप तुरंत ही दूरी बना लें |
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जिनका आचरण अच्छा न हो उनसे दूर रहे
ऐसे मित्र से हमेशा दूरी बनाकर रखें जिनका आचरण अच्छा न हो। चाणक्य की नीति कहती है, कि जो व्यक्ति जन्म देने वाले अपने माता-पिता का सम्मान न करता हो उसे कभी भी मित्रता हीं करनी चाहिए और जो व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चो की इज्जत न करता हो, उससे भी दूर रहना चाहिए |
जिस व्यक्ति की दृष्टि में खोट हो
आचार्य चाणक्य ने बताया है, जिस व्यक्ति की दृष्टि में खोंट हो, ऐसे व्यक्ति से मित्रता नहीं करनी चाहिए क्योंकि इस तरह के व्यक्ति का साथ करने स्वे आप स्वयं मुसीबत में आ सकते हैं|
बुरे स्थान पर रहने वाले व्यक्ति का साथ ना करे
आचार्य चाणक्य नीति के अनुसार जो व्यक्ति बुरे स्थान पर रहता हैं, वह वक्ती कभी भी बुरा बनने से अपने आपको रोक नहीं है पाता, इसलिए ऐसे लोगों से हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए | सदेव अच्छे स्थान पर रहने वाले और अच्छा व्यवहार करने वाले व्यक्ति के साथ ही दोस्ती बनाकर रखनी चाहिए |
जिनकी आदते अच्छी ना हो उनसे दूर रहे
जो व्यक्ति सभी बुरी आदतों को अपना लेता है, ऐसे व्यक्ति का साथ कभी भी न करें क्योंकि आपके जीवन पर इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ेगा |
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