सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी और निषाद पार्टी के गठबंधन को बताया ‘घाटे का सौदा’

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चुनावी माहौल में राजनीतिक उठा-पटक देखने को अक्सर मिलती रहती है| ऐसा ही लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में देखने को मिला है| वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में आदित्य योगी नाथ गोरखपुर से सांसद थे|

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विधान सभा चुनाव में आदित्य योगी नाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया, जिसके बाद यह सीट खाली हो गयी थी, जिस पर लोकसभा उपचुनाव कराये गए थे| उपचुनाव में सपा के टिकट पर प्रवीण निषाद ने चुनाव लड़ा था, जिसमे उन्हें जीत मिली थी| इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रवीण निषाद के बीच मतभेद की खबरें आने लगी|

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सपा प्रवीण निषाद को अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ाना चाहती थी, जबकि वह निषाद पार्टी के चिन्ह पर चुनाव लड़ना चाहते थे| प्रवीण निषाद के पिता संजय निषाद, निषाद पार्टी के प्रमुख हैं| कल बीजेपी और निषाद पार्टी के बीच गठबंधन हो गया है, अब गोरखपुर से भाजपा की तरफ से प्रवीण निषाद को टिकट तय माना जा रहा है|

इस घटना क्रम के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘यह भाजपा के लिए घाटे वाला सौदा है, क्योंकि जनता ने सांसद को नहीं, उनके पीछे एकजुट महागठबंधन को चुना था, चुनाव में इन मौसेरों की नैया डूबना तय है’, उन्होंने सवाल किया, कि गोरखपुर में सांसद जी को मठाधीशी का जो झोला भर प्रसाद मिला है, उसे वह पूरा गटक जाएंगे या किसी से बांटेंगे भी?

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