हजारों साल पुराना झूंसी में उल्टा किला के पास स्थित एक कल्पवृक्ष हैं, जहाँ पर हिन्दुओं के साथ मुसलमान भी पूजा करने के लिए आते हैं| इस कल्पवृक्ष की एक ख़ास बात इस वृक्ष से हर दिन बड़ी तदाद में हिन्दू-मुस्लिम अपनी मनोकामना पूरी करने की मन्नत मांगने के लिए आते हैं| यह वृक्ष साम्प्रदायिक सौहार्द्र व आस्था का केंद्र है।
जानकरी के अनुसार, इसकी छाल व फूल भी कई रोगों को खत्म करता है जिसके कारण लोग निवारण के लिए इसकी छाल और फूल दोनों ही ले जाते हैं | इसके बाद जब लोगों की मनोकामना पूरी हो जाती है तो वे लोग यहाँ पर आकर वृक्ष पर सेहरा या फिर धागा बांधते है|
यहाँ पर इतनी भारी मात्रा में लोग आने के बावजूद भी कल्पवृक्ष को सरंक्षित करने की याद किसी को नहीं आती है | लेकिन उसी जगह कुम्भ मेले को भव्य बनाने के लिए अरबों रुपये की रकम लगाईं जा रही हैं | यह सब देखने के बाद यहाँ के स्थानीय लोगो ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से इस वृक्ष को सरंक्षित करने की अर्जी लगाई | इसके अलावा स्थानीय लोगों ने मेला अधिकारी से से भी कहा है।