Article 15 Movie Review: आर्टिकल 15 मूवी रिव्यु पढ़े और जानिए Ayushmann Khurrana की फिल्म कैसी है

आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘आर्टिकल 15’ 28 जून को रिलीज हो चुकी है। फिल्म में आयुष्मान खुराना एक आईपीसी अफसर की भूमिका निभा रहे हैं। अब तक आयुष्मान खुराना ने कई हिट फिल्में दे चुके हैं। अब इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आयुष्मान फिल्म ‘आर्टिकल 15’ लाए हैं। जब से इस फिल्म का ट्रेलर आया था, उसी समय से ही इस फिल्म ने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया था । ऐसे में फिल्म को रिलीज से पहले अंदाजे लगाए जा रहे थे,  कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी खासी रकम जुटाएगी। ओपनिंग डे पर कमाई को लेकर माना जा रहा है, कि फिल्म 5 करोड़ के लगभग कमाई कर सकती है।

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फिल्म ‘आर्टिकल 15’ में आयुष्मान के अलावा मनोज पहवा, सयानी गुप्ता, कुमुद मिश्रा और मोहम्मद जीशान अयूब ने भी काम किया है। आयुष्मान के साथ-साथ इन सभी कलाकारों नें फिल्म में जबरदस्त अभिनय किया है। फिल्म में जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव और अपराध पर फोकस किया गया है, जो कि संविधान की धारा 15 में सख्त वर्जित है। इसी कारण फिल्म का नाम ‘Article 15’ रखा गया है।

फिल्म की कहानी

अपने पिता के कहने पर अयान रंजन विदेश में पढ़कर आईपीएस ऑफिसर बनता है, उनकी पहली पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के एक छोटे से जिले लालगांव में होती है, जहां पर जातिगत भेदभाव होता है। इसी बीच अयान के सामने एक गंभीर अपराध आता है। दरअसल, तीन रुपये अधिक दिहाड़ी मजदूरी की मांग करने पर लड़कियों का गैंगरेप कर मार दिया जाता है, क्योंकि वह पिछड़ी जाति की होती हैं। दलित समुदाय की तीन लड़कियों में से दो-शालू और ममता- की लाश पेड़ पर लटकते हुए मिलती है, परन्तु तीसरी गायब लड़की पूजा का कुछ अता पता नहीं। क्या हुआ था उनके साथ? क्यों दो लडकियों की हत्या की गई? अयान तहकीकात के आदेश देता है|

इसी बीच दलितों के बीच सामाजिक काम करने वाली गौरा (सयाना गुप्ता) अयान को बताती है, कि यह लड़कियां एक ठेकेदार के यहां काम करती थीं और अपने लिए अधिक मजदूरी की मांग कर रही थी। इसी कारण ठेकेदार नाराज हो गया| क्या उस ठेकेदार को कानून अपनी गिरफ्त में लेगा? परन्तु यह इतना आसान नहीं है, क्योंकि पुलिस विभाग के लोग ही दस्तावेजों में फेरबदल के लिए लगे हुए हैं। क्या अयान होनें वाली इन हत्याओं के अपराधियों को सजा दिलवा पाएगा? इस बीच क्या-क्या होता है ? इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

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रिव्यू

फिल्म में एक गंभीर सब्जेक्ट को बेहतर ढंग से दिखाया गया है, साथ ही फिल्म को थ्रिलर अंदाज में प्रस्तुत किया है। फिल्म का हर सीन आपको बांधे रखता है। फिल्म का पहला भाग थोड़ा लंबा खिंच गया है, हालांकि पूरी फिल्म देखने के बाद आप छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज करेंगे। फिल्म का सब्जेक्ट जितना मजबूत है, उतने ही मजबूत फिल्म के सीन्स हैं।

एक्टिंग

आयुष्मान खुराना ने एक गंभीर पुलिस ऑफिसर की भूमिका को बखूबी निभाया है, उन्होंने एक बार फिर अपनी एक्टिंग से ये साबित कर दिया है, कि वह हर किरदार में अपना कमाल दिखा देते हैं। फिल्म की बाकी कास्ट ईशा तलवार, मनोज पाहवा, कुमुद मिश्रा, मोहम्मद जीशान ने भी अच्छा काम किया है।

डायरेक्शन

इस फिल्म का सब्जेक्ट बड़ा ही सेंसिटिव है, जिस पर फिल्म बनाना आसान नहीं था, परन्तु अनुभव सिन्हा ने ऐसा कर दिखाया है| फिल्म के रिलीज़ होनें के बाद इसे खूब पसंद किया जा रहा है|     

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