मिर्जापुर लोकसभा का जातीय समीकरण – किस पार्टी पर पड़ेगा भारी, किसके लिए है फायदेमंद

0
1226

Mirzapur Lok Sabha Election- 2019

Advertisement

मिर्जापुर जिले की आबादी करीब 25 लाख है, जो यूपी का 33वां सबसे घनी आबादी वाला जिला है| 2011 की जनगणना के मुताबिक मिर्जापुर की आबादी लगभग 24,96,970 है| इसमें पुरुषों की जनसंख्या 13.1 लाख (53%) और महिलाओं की जनसंख्या 11.8 लाख (47%) है| मिर्जापुर लोकसभा में सामान्य वर्ग की आबादी 18,15,709 है, अनुसूचित जाति 6,61,129 और अनुसूचित जनजाति की आबादी 20,132 है|

नोट: मिर्जापुर लोकसभा चुनाव 19 मई 2019 को निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित कराये जायेंगे|

ये भी पढ़ें: मिर्जापुर लोकसभा सीट का अब तक का क्या रहा है इतिहास, कुल कितने है यहां पर मतदाता

ये भी पढ़ें: सहारनपुर लोकसभा सीट का अब तक का क्या रहा है इतिहास, कौन कब किस पर रहा है भारी

यदि धर्म के आधार पर देखा जाये तो हिंदूओं की जनसंख्या 22 लाख से अधिक है, बल्कि मुस्लिम जनसंख्या 1 लाख 95 हजार है, तो ईसाइयों की जनसंख्या 2300 से अधिक है|

मिर्जापुर लोकसभा के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, इसमें छानबे विधान सभा क्षेत्र सुरक्षित सीट के रूप में दर्ज है| इस पर अपना दल (सोनेलाल) का कब्जा बरकरार है|

मिर्जापुर में बड़ी संख्या में किसान है, लेकिन यहाँ पर राजनीतिक वर्चस्व वैश्य समाज का है| यहाँ पर कुल 70 हजार यानी 18% वैश्य वोटर हैं| वैश्य समाज को बीजेपी का पारंपरिक वोटर के रूप में जाना जाता है| यह वोटबैंक कैलाश चौरसिया के कारण सपा के खाते में जाता है|

यहाँ पर अपना दल की प्रमुख अनुप्रिया पटेल सांसद है| अनुप्रिया पटेल बीजेपी से गठबंधन के तहत जुडी हुई है| लोकसभा चुनाव 2019 में यह देखना होगा, कि इस सीट पर अनुप्रिया पटेल की वापसी होती है या किसी अन्य दल के खाते में जाती है|

ये भी पढ़ें: कानपुर लोकसभा चुनाव में किन प्रत्याशियों की है सीधी टक्कर, क्या है यहाँ के मुद्दे

Advertisement