अभी लोकसभा चुनाव को लेकर अभी सभी पार्टियों में उठा – पटक जारी है | बता दें कि गठबंधन में शामिल जवान तेज बहादुर को चुनाव आयोग ने एक नोटिस दिया है | जिसको पढ़ने के बाद तेज बहादुर ने मीडिया के सामने अपनी बात कहते हुए आरोप लगाया है कि, “चुनाव अधिकारी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब से समाजवादी पार्टी ने उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपना प्रत्याशी बनाया है तब से भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ गई है।”
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इसके बाद फिर मीडिया ने दो शपथ पत्रों में अलग-अलग सूचना देने पर सवाल करते हुए पूछा तो तेज बहादुर ने कहा कि यदि उनके फॉर्म मे कोई कमी होती तो चुनाव अधिकारी को उसी समय जानकारी देनी चाहिए थी और वही अगर किसी डाक्यूमेंट्स की कमी थी तो उसे भी पूरा किया जाता लेकिन ऐसा न करते हुए मंगलवार 30 अप्रैल को शाम तीन बजे चुनाव अधिकारी ने नोटिस जारी कर दिया और बुधवार 1 मई को सुबह 11 बजे तक केंद्रीय निर्वाचन कार्यलय से प्रमाणित दस्तावेज लाने के लिए भी कह दिया गया है। तेज बहादुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि, ऐसा केवल हमें परेशान और मोदी के खिलाफ चुनाव न लड़ने के लिए किया जा रहा है |
इसके बाद जब मीडिया ने बीएसएफ से बर्खास्त होने का कारण तेज बहादुर से पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भ्रष्टाचार के कारण नहीं बर्खास्त किया गया, बल्कि उन्हें अनुशासनात्क कार्रवाई के तौर पर बर्खास्त किया गया। इसेके साथ ही कहा, चुनाव आयोग के नियम अनुसार, भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर्मचारी ही चुनाव नहीं लड़ पाता है।
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