The Big Bull Movie Review: देखने से पहले पढ़े यहाँ रिव्यु अच्छी है या नहीं जाने यहाँ

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फिल्म: ‘द बिग बुल’
निर्देशक: कूकी गुलाटी
कास्ट: अभिषेक बच्चन, सोहम शाह, इलियाना डिक्रूज, निकिता दत्ता, राम कपूर, सौरभ शुक्ला, सुप्रिया पाठक

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अभी हल ही में फिल्म ‘द बिग बुल’ डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई अभिषेक बच्चन स्टारर फिल्म ‘द बिग बुल’ के डायरेक्टर कूकी गुलाटी ने फिल्ममेकिंग के समय एक अजीबो-गरीब निर्णय लिया है… वो है, कि अभिषेक बच्चन द्वारा निभाए गए लुटेरे, जोर-जोर से हंसने वाले स्टॉक ब्रोकर किरदार हेमंत शाह को जनता का मसीहा बनाकर दिखाना। यह फिल्म हर्षद मेहता द्वारा किए गए 1992 के शेयर मार्केट घोटाले पर बना है। लेकिन यहां पर काफी क्रिएटिव आजादी भी मिली है। जबकि, इसकी हर्षद मेहता द्वारा निर्देशित फेमस वेब सीरिज ‘स्कैम 1992’ से तुलना रोकी नहीं जा सकेगी।

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‘द बिग बुल’ की कहानी

फिल्म ‘द बिग बुल’ में कूकी द्वारा अपने किरदार का नाम बदल कर हेमंत शाह कर दिया है, इस फिल्म की तमाम बातें हैं जिनसे ये पता चलता है, कि कूकी के पास क्रिएटिव आजादी होने के साथ-साथ कई ब्रैंड्स भी थे, जिसे हर्षद मेहता जुटा नहीं पाए। हलाांकि, कूकी सही तरीके से इसका फायदा नहीं उठा पाए।

हेमंत शाह, अभिषेक बच्चन द्वारा निभाए गए इस रोल को जनता का मसीहा बना दिया गया है। फिल्म की काफी समय कूकी ने हेमंत के तौर-तरीकों से ही ऑडिएंस को बताने में निकाल दी। हेमंत एक गुजराती है जो मुंबई में रहता है लेकिन वो दूर-दूर तक गुजराती नहीं बोल पते। वो अपनी मां (सुप्रिया पाठक) और भाई (सोहम शाह) के साथ मुंबई के एक चॉल में मध्यम वर्गीय जीवन बिता रहा है लेकिन उसके इरादे आसमान छू लेने के हैं।

हेमंत, अपने भाई द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने और अपनी गर्लफ्रेंड के पिता को इंप्रेस करने के लिए एक जुगाड़ बनाता है। जिसके तहत नो स्टॉक्स और शेयर्स मार्केट की दुनिया में अपना कदम जमाता है। उसे तमाम बार चेतावनी और क्रिटिसिज्म भी दी जाती है लेकिन हेमंत पर तो जल्द से जल्द अमीर बनने का सपना हावी है। इंसाइर ट्रेडिंग, दोषपूर्ण बैंकिंग प्रणाली और भ्रष्ट अधिकारियों की सहायता से वो टॉप पर पहुंच जाता है लेकिन उतनी ही जल्द वो गिर भी जाता है।

फिल्म ‘द बिग बुल’ में क्या रहा निगेटिव

इस फिल्म का मूड पूरी तरह तब बदलता है जब हेमंत फाइनली अपनी गलतियों के लिए जिम्मेदार बताया जाता है। उसके गुनाह को माफ कर दिए जाते हैं और उसके द्वारा की गई बर्बादी भी नजरअंदाज कर दी जाती है। इस फिल्म के आखिरी 30 मिनट एक तरह से उबाऊ बन जाता है, जब क्रिटिक्स भी उसे ‘द वन एंड ओनली बिग बुल’ का दर्जा दिया जाता है और उसे देश की अर्थ व्यवस्था को बढ़ने के लिए क्रेडिट दे देते हैं

इस फिल्म में कहीं पर भी उनका जिक्र नहीं किया गया है जो हेमंत की ‘टिप्स’ से बर्बाद हो गए और किस तरह उसने सिर्फ अपनी जेब भरने के लिए पहले से मुश्किल में फंसे देश से पैसे चुराए। हेमंत के इरादे कभी भी राष्ट्र के हित में नहीं दिखे बल्कि जल्द से जल्द अमीर बनने, खूबसूरत बीवी पाने, बड़े लोगों में शामिल होनें और महंगी स्कॉच पीने के शौक थे।

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परफॉर्मेंस

अगर बात करें परफॉर्मेंस की तो ‘द बिग बुल’ की कास्ट में शानदार एक्टर्स शामिल हैं। लेकिन कूकी कास्ट के साथ पूरी तरह न्याय नहीं कर प रहे हैं । हेमंत शाह के रोल में अभिषेक बच्चन ने बेहद कोशिश की है, मगर वो कुछ जगहों पर शानदार दिखे तो कभी निराश भी कर दिए। वीरेन शाह के रोल में सोहम शाह, मां के रोल में सुप्रिया पाठक अपनी जगह ठीक लगे हैं। लेकिन निर्देशन में उनके रोल में स्कोप ही नहीं मिला है। इसके अलावा इलियाना डीक्रूज जर्नलिस्ट के किरादार में जंची हैं। फिल्म में राम कपूर, सौरभ शुक्ला, समीर सोनी जैसे कलाकार भी हैं लेकिन वो कुछ चंद सीन्स में ही नजर आये हैं।

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निर्देशन

डायरेक्टर कूकी गुलाटी द्वारा ढ़ाई घंटे में हेमंत शाह की लंबी कहानी निपटाने का प्रयास किये हैं। इस कारण से फिल्म के कई सीन्स जल्द बजी में बनाए गए मालूम होते हैं। इस फिल्म के मुख्य सीन्स भी असरदार तरीके से नहीं दिखाए जा पाते हैं। वहीं इंटेंस पॉलिटिकल सीक्वेंस के बीच में रोमांटिक गाना काफी बेस्वाद मालूम पड़ता है। इसकी स्टारकास्ट दमदार जरूर है लेकिन वो कब फिल्म में आते हैं और कब चले जाते हैं पता भी नहीं चलता है। यह कूकी का असफल निर्देशन ही कहा जायेगा कि जो इस फिल्म का कोई भी रोल ऑडिएंस पर छाप नहीं छोड़ पाए ।

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