टैक्सपेयर्स के मध्य पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) इस समय में निवेश का एक अच्छा विकल्प है। पीपीएफ में निवेश के लिए अच्छा इसलिए है, कि पीपीएफ पर अभी भी ब्याज दर 7.1 फीसदी मिल रहा है। वहीं, सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज दर छह फीसदी से कम है। जबकि, एक ओर जहां पीपीएफ खाते पर अधिक ब्याज और कर छूट का फायदा मिलता है, वहीं दूसरी तरफ खाता परिपक्वता के समय से पूर्व निष्क्रिय होने पर खाताधारक को तीन नुकसान भी होते है। पीपीएफ खाता निष्क्रिय होने पर क्या नुकसान होगा आइए इसके बारे में जानते हैं।
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पीपीएफ खाता निष्क्रिय होने के नुकसान
- सरकार दवरा 2016 में पीपीएफ नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया था। इसमें सरकार ने कुछ मुख्य स्थितियों में परिपक्वता के पूर्व पीपीएफ खाते को बंद करने की अनुमति दी है। ऐसे स्थितियों में खाता बंद करने की सुविधा दी गई है जिसमे जानलेवा बीमारी का इलाज या बच्चे की शिक्षा के लिए खर्च शामिल हैं।जबकि, पीपीएफ खाते के पांच साल चलने के पश्चात ही अंशदाता ऐसा कर सकते हैं। यह सुविधा निष्क्रिय पीएपीएफ खाते के साथ नहीं मिलती है।
- पीपीएफ खाते से तीसरे वित्त वर्ष के पश्चात छठे वित्त वर्ष के समाप्त होने से पहले जमा रकम पर लोन मिल सकता है। यह सुविधा रुके हुए पीपीएफ खाते में नहीं मिलेगी।
- यदि खाताधारक बंद पड़े पीपीएफ खाते के अलावा कोई अन्य पीपीएफ खाता खुलवाना चाहता है, तो नियम इसकी अनुमति नहीं देता है। पीपीएफ खाते किसी एक व्यक्ति के दो नहीं हो सकते हैं। जबकि, निष्क्रिय हो गए खाते में भी जमा राशि पर परिपक्वता की समय पर ब्याज की रकम का भुगतान किया जाता है।
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पीपीएफ खाता इनएक्टिव होने की मुख्य वजह
जानकारों के अनुसार, पीपीएफ खाता निष्क्रिय होने की मुख्य वजह इस खता में न्यूनतम राशि का भी निवेश नहीं करना। पीपीएफ खाते में हर साल 500 रुपये निवेश करना आवश्यक है। यह रकम निवेशक को कम से कम 15 साल तक जमा करना पड़ता है। जो खाताधारक ऐसा नहीं करते हैं, उनका खता निष्क्रिय हो जाता है। वहीं, पीपीएफ खाताधारक सालाना आधार पर अपने पीपीएफ खाते में निवेशक अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक जमा कर आयकर की धारा 80सी के तहत आयकर छूट का लाभ भी ले सकते हैं।
पेनल्टी सालाना अधार पर 50 रुपये देनी होगी
पीपीएफ खाते को पुनः सक्रिय करने के लिए आपको उस बैंक या डाकघर जाना होगा जहां आपने पीपीएफ को खुलवाया है। यहां आपको खाता पुनः सक्रिय करने के लिए आप को एक फॉर्म भरना होगा। इसके पश्चात आपको बकाया रकम का भुगतान देना पड़ेगा। यानी कि जितने साल तक आपने नहीं जमा किया उनमें से हर साल के लिए 500 रुपये का न्यनतम भुगतान देना होगा। यदि आप ने चार साल तक जमा नहीं किया है, तो आप को 2000 रुपये जमा करने होंगे। और साथ ही हर साल के हिसाब से 50 रुपये की पेनल्टी भी देनी पड़ेगी ।