उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता 28 जुलाई को रायबरेली जाते समय दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी| इसके बाद उन्हें दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था| वहीं अब उन्नाव रेप पीड़िता को दिल्ली एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया है, लेकिन कोर्ट ने पीड़िता के परिवार को दिल्ली में ही रहने के लिए कहा हैं।
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मंगलवार 24 सितंबर की रात को उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता एम्स से डिस्चार्ज किया गया है। वहीं अब तीस हजारी कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता अपने परिवार के साथ अगले एक हफ्ते तक एम्स के जय प्रकाश नारायण ट्रॉमा सेंटर के हॉस्टल में ही रुकेंगी| पीड़िता के साथ उसकी मां, दो बहनें और एक भाई भी साथ में रहेंगे।
जानकारी देते हुए बता दें कि, पीड़िता के परिवारीजन ने कोर्ट से अपील की थी कि, उनकी जान को उन्नाव में खतरा है, इसलिए सुरक्षा के लिहाज से उन्हें दिल्ली में रहने की व्यवस्था की जाए। इसके बाद कोर्ट ने उनकी बात पर गौर करते हुए गवाह सुरक्षा दिशा-निर्देशों के तहत दिल्ली में ही रहने का आदेश दिया| इस के साथ कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को करने के लिए कहा है |
वहीं, सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अपॉइंट जज इन सभी पांच केसों की सुनवाई करेंगे। वहीं ट्रायल 15 दिन के अंदर पूरा करने के लिए कहा गया है| चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा है कि, ”हम पीड़िता के लिए अंतरिम मदद की अपील भी स्वीकार करते हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि, वह पीड़िता के परिवार को अंतरिम मदद के तौर पर 25 लाख रुपये की सहायता राशि दे, बाद में जरूरत के हिसाब से आर्थिक मदद की राशि बुलाई जा सकती है।”
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