वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 20 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले प्रेस वार्ता की, इस दौरान उन्होंने कंपनियों पर टैक्स घटाने की घोषणा की और बताया कि नए बदलाव एक अध्यादेश के बाद प्रभावी होंगे| मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स एक्ट में 2019-20 से एक अन्य प्रावधान जोड़ दिया गया है, जिससे 1 अक्टूबर या इसके बाद बनी कोई भी नई घरेलू कंपनी मैन्युफैक्चरिंग में ताजा निवेश करती है, तो उस पर 15 प्रतिशत का इनकम टैक्स लगेगा|
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आयकर एक्ट में एक नया प्रावधान शामिल किया गया है, जिसके अनुसार, किसी घरेलू कंपनी को कुछ शर्तों के साथ 22 प्रतिशत की दर पर आयकर चुकाना होगा| ऐसा करने के लिए यह कंपनियां किसी इंसेंटिव या छूट का लाभ नहीं उठा पाएंगी| सभी सरचार्ज और सेस मिलाकर इन कंपनियों के लिए प्रभावी टैक्स दर 25.17 प्रतिशत होगी| कैपिटल मार्केट में फंड के फ्लो को स्थायी बनाने के लिए यह प्रावधान बनाया गया है, कि जुलाई 2019 के बजट में लाया गया बढ़ा हुआ सरचार्ज किसी कंपनी में एक्विटी शेयर की सेल से मिले कैपिटल गेन्स पर लागू नहीं होगा|
किसी भी सिक्यॉरिटी की सेल से मिले कैपिटल गेन्स पर बढ़ा हुआ सरचार्ज नहीं नहीं लगेगा| 5 जुलाई 2019 से पहले जो लिस्टेड कंपनियां बायबैक को सार्वजनिक कर चुकी है, उन्हें राहत मिलेगी| ऐसी कंपनियों को शेयरों के बायबैक पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा| सरकार को इस घोषणा के बाद 1.45 लाख करोड़ का अतिरिक्त खर्च उठाना होगा|
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