लोकसभा का चुनाव हो या विधान सभा का चुनाव जातीय समीकरण बहुत बड़ी भूमिका निभाते है| लोकसभा चुनाव 2019 में भी यह देखने को मिल रहा है| हम बात करे यह पर जातियों की तो ओबीसी जनसंख्या यहाँ पर 40 प्रतिशत से अधिक है और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 21 प्रतिशत है | इसके अतिरिक्त मुस्लिम जनसंख्या 19.5 प्रतिशत है | सपा-बसपा और रालोद के गठंधन ने इन्हीं जातियों को आधार मानकर उम्मीदवारी तय की है | चुनाव परिणाम के बाद यह जानकारी होगी की गठबंधन की योजना कारगर साबित हुई की नहीं |
नोट:- बागपत में मतदान पहले चरण के अंतर्गत 11 अप्रैल को होगा|
ये भी पढ़ें: सहारनपुर लोकसभा सीट पर फिर खिलेगा कमल या कांग्रेस दिखाएगी दम या SP-BSP मारेगी बाजी – क्या है चुनावी समीकरण
सभी पार्टियों के लिए जनता की राय
गन्ना कटाई में जुटे किसान हरवीर पाल से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि “‘इस बार चुनाव कुछ अलग तरीका होगा, जाति और बिरादरी से हटकर देश की जरूरत अधिक है।” एयर स्ट्राइक के बारे में पूछा गया तो वह बोले की इससे वह बहुत खुश है लेकिन यह बहुत पहले ही कर देना चाहिए था| निकट के गांव पतला के शहीद जवान का जिक्र करते हुए हरवीर का कहना है कि केवल देश की सुरक्षा ही नहीं वरन दुनिया में भारत की ताकत दिखाना भी जरूरी है|
वही पान की दुकान पर खड़े यतीश त्यागी ने बताया कि किस बिरादरी का वोट किधर जाएगा, कितना बिखराव होगा|
बाग में रखवाली कर रहे 65 वर्षीय मुश्ताक अहमद की चिंता राजनीति के चलते समाज में बढ़े तनाव को लेकर वह नाराज थे, उनका कहना था कि वोटों के लिए लोगों को लड़ाने का काम बंद होना चाहिए|
ये भी पढ़ें:मेरठ लोकसभा सीट में कितने है वोटर, क्या है चुनावी समीकरण