पाटीदार नेता हार्दिक पटेल 12 मार्च को कांग्रेस में राहुल गाँधी की मौजूदगी में शामिल हुए थे| अब उन्हें कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ने की अटकले लगायी जा रही थी, लेकिन इन अटकलों को गुजरात हाईकोर्ट ने विराम दे दिया है| गुजरात उच्च न्यायालय ने 2015 के हिंसा मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया| जिससे अब उनकी चुनाव लड़ने की संभावनाएं कम हो गयी है|
गुजरात में चार अप्रैल नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि है| हार्दिक पटेल अब इसके लिए सुप्रीम कोर्ट जा सकते है, परन्तु इसके लिए अब उनके पास बहुत कम समय शेष है|
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हार्दिक पटेल ने जामनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जतायी थी | इससे पूर्व कोर्ट में गुजरात सरकार ने सुनवाई के दौरान भारी विरोध किया था| गुजरात सरकार ने कहा था, कि हार्दिक का आपराधिक अतीत रहा है, और उनके खिलाफ 17 प्राथमिकी दर्ज हैं, इसमें देशद्रोह के दो मामले हैं, इसलिए ऐसे व्यक्ति को राजनैतिक लाभ नहीं दिया जा सकता|
न्यायमूर्ति ए जी उरैजी ने, गुजरात सरकार की दलीलें सुनने के बाद सत्र अदालत द्वारा हार्दिक की दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया| न्यायमूर्ति उरैजी ने कहा, कि “असाधारण मामले में ही दोषसिद्धि पर रोक लगायी जा सकती है और हार्दिक का मामला इस श्रेणी में नहीं आता”|
गुजरात हाई कोर्ट के निर्णय के बाद हार्दिक पटेल के वकील ने कहा, कि सबसे पहले वह आदेश पढ़ेंगे, इसके पश्चात उच्चतम न्यायालय जाने का फैसला करेंगे|
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