कभी “क्योंकि सास भी कभी बहू थी” सीरियल में तुलसी का किरदार निभाने वाली स्मृति ईरानी को राजनीति के करियर बहुत ही उतार- चढ़ाव देखने को मिले | वह दृढ़ विश्वासी और कभी हार न मानने वाली महिलाओं में से गिनी जाती है | लोकसभा चुनाव 2014 में स्मृति ईरानी को हार का सामना करना पड़ा था | जिसे उन्होंने एक चैलेंज के रूप में स्वीकार्य किया | आज मतगणना समाप्त होने पर उन्होंने ने असंभव को संभव करके दिखा दिया है | वह पहली ऐसी भाजपा प्रत्याशी है, जिन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को हराया है |
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स्मृति ईरानी का अमेठी के लोगों के साथ घुलना- मिलना
राहुल गांधी को हराने के लिए वह कई साल से अमेठी में लोगों के सुख और दुःख के बीच खड़ी रही है | वह अधिक से अधिक सरकारी योजनाओं का लाभ अमेठी को देना चाहती थी | इसके लिए वह भारत सरकार के कई बड़े मंत्रियों के साथ बात- चीत की | उन्होंने अमेठी रेलवे स्टेशन पर रिजर्वेशन काउंटर शुरू करवाया जिससे लोगों को अधिक परेशानी का सामना न करा पड़े | लोकसभा चुनाव 2014 में अपनी हार के एक महीने के बाद वह अमेठी आयी यहाँ पर इन्होंने यूरिया-अमोनिया खाद का इंतजाम किया जिससे गावं के किसानों को सरल तरीके से खाद की पूर्ति की जा सके |
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अमेठी के लिए भारत सरकार से सिफारिश
स्मृति ईरानी ने अमेठी में अपनी पकड़ बनाने के लिए अमेठी के लिए कई योजनाओं और संस्थान को खोलने का प्रयास किया | लोगों को अच्छी तरह से समझने के लिए वह कई बार अचानक केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान या मनोहर पर्रिकर के साथ अमेठी चली आती थी वहां पर वह लोगों से बात- चीत करती और उनकी सभी समस्या का समाधान करने का प्रयास करती इसके साथ ही वह साड़ी, कपड़े, जूते और यहां तक कि कई बार किताबें भी बांटती नजर आती थी | स्मृति ईरानी की इच्छा शक्ति और पीएम मोदी के विकास कार्य के फलस्वरूप मार्च में अमेठी में आधुनिक क्लाशनिकोव-203 राइफलों के निर्माण के लिए एक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का लोकार्पण किया गया | स्मृति ईरानी के ही प्रयासों से उतरेटिया और वाराणसी के बीच रेल विद्युतीकरण का काम कराया गया | इन्होंने अमेठी-रायबरेली के बीच संपर्क का विस्तार कराया और उसे नेशनल हाइवे से जोड़ने की शुरूआत की |
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चुनाव प्रचार में स्थानीय विधायकों और अन्य नेताओं को अपने पक्ष में करना
लोकसभा चुनाव 2019 में इन्होंने स्थानीय विधायकों गरिमा सिंह, दल बहादुर, मयंकेश्वर शरण सिंह को अपने अपने पक्ष में किया इसके साथ इन्होंने छोटे से छोटे कार्यकर्त्ता को उतना ही सम्मान दिया जितना वह एक विधायक को देती थी | चुनाव प्रचार के लिये सीएम योगी आदित्यनाथ अमेठी दो बार आये और स्मृति के नामांकन के दिन उन्होंने रोड शो में भी शिरकत की | स्मृति ईरानी ने 2014 से 2019 के बीच 63 दौरे किए, जबकि राहुल गाँधी ने 28 बार अमेठी का दौरा किया |
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