लोकसभा चुनाव-2019 होने में बस कुछ ही महीने शेष रह गए हैं। ऐसे में देश की सभी राजनीतिक पार्टियां इस चुनावी महासंग्राम में मतदाताओं को अपनी और लुभानें में लगे है| सभी पार्टियाँ अपनी रणनीति के अनुसार अपने पैतरे फेंक रही है| सभी पार्टियों द्वारा विभिन्न प्रकार के वादे किये जा रहे है, परन्तु सफलता किसे प्राप्त होगी, इसका सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है|
सच्चाई तो यह है, कि सभी राजनैतिक पार्टियों की नजर देश के नए युवा मतदाताओ पर है, और वह युवाओं के सहारे ही चुनावी समीकरण में सफलता प्राप्त करनें की जुगत में हैं, क्योंकि इन नए मतदाताओं की संख्या लगभग 13 करोड़ है, जो इस वर्ष मतदान में सम्मिलित होने जा रहे हैं|
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देशभर में किये गये सर्वेक्षण के आधार पर इन नए मतदाताओ में युवाओं द्वारा बेहतर शिक्षा सुविधा, नौकरी की मांग की है साथ ही भ्रष्टाचार, धार्मिक हिंसा व चुनाव के समय में झूठे वादे पर आपत्ति जताई, अगर हम बात करें प्रमुख मांग की इसमे सबसे प्रमुख मांग नौकरी है| अब इन युवाओ का मत उन्हें ही प्राप्त हो सकता है, जो इनके वादों को पूरा करे| राजनैतिक पार्टियों के लिए झूठे वादे करके मत अपने पक्ष में लेना कठिन है, क्योंकि आज के युवा पार्टियों की पैतरेबाजी से अच्छी तरह से वाकिफ हो चुके है, झूठ बोलकर काम नहीं चलाया जा सकता
महिलाओ के सर्वे में, सामाजिक सुरक्षा के मद्देनजर महिलाओं ने सुरक्षा को सबसे गंभीर मुद्दा बताया, 100 में से 67 महिलाओं के लिए सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता व्यक्त की, जबकि इसमें अल्पसंख्यकों का अधिकार और यौन पहचान की स्वतंत्रता भी प्रमुख मुद्दा रहा|
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सियासी गणित को बदलनें में युवा सक्षम
यदि हम नए युवा मतदाताओं की बात करे, तो उनकी संख्या लगभग 13 करोड़ है, यदि इन सभी युवाओं का झुकाव किसी भी पार्टी की तरफ हो जाता है, तो स्वाभाविक है, कि वह पार्टी विजेता होगी| इन्ही युवाओ को अपनी और आकर्षित करनें के लिए उदाहरण के रूप में अगर हम आपको बताये तो जैसे- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शासनकाल के प्रारंभ से ही युवाओं पर विश्वास किया और उनके लिए कई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किये, जैसेचार लाख रुपये तक की स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, अनुसूचित जाति-जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए एक हजार रुपये की स्कॉलरशिप, हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों के लिए हर माह 15 किलो मुफ्त अनाज|
साथ ही संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले अनुसूचित जाति-जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग विद्यार्थियों के लिए एक लाख रुपये की प्रोत्साहन योजना और बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर पचास हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि जैसी कई योजनाएं हैं |इसी प्रकार अगर अन्य पार्टियाँ भी अपने घोषणा पत्र द्वारा युवाओं की तरफ फोकस किया जाता है तो जरूर इसका लाभ उस पार्टी को मिल सकता है और अगर ऐसा होता है इस बात से अनुमान बिल्कुल तय है, कि युवा सियासी गणित को बदलनें में सक्षम होगा|
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उम्र के अनुसार मतदाताओं की संख्या (2019)
आयु | संख्या (लगभग) |
18-19 वर्ष | 579035 |
20- 29 वर्ष के वोटर | 16446935 |
30-39 वर्ष के वोटर | 19392346 |
40-49 वर्ष के वोटर | 14543346 |
50-59 वर्ष के वोटर | 9462229 |
60-69 वर्ष के वोटर | 6041637 |
70 – 79 वर्ष के वोटर | 2907296 |
80 और इससे अधिक | 1230954 |