भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव 21 अप्रैल बुधवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस बार नौ सालों के बाद रामनवमी पर पांच ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है। यह संयोग इस पर्व की शुभता में कई गुना वृद्धि कर देगा । इससे पहले ऐसी ग्रहीय स्थिति 2013 में आयी थी।
ज्योतिषाचार्य अवध नारायण द्विवेदी के मुताबिक 21 अप्रैल को नवमी शाम 7 बजे तक रहेगी। अश्लेषा नक्षत्र रात 3.15 बजे तक और राम जन्म के समय सूल योग रहेगा। भगवान राम का जन्म राम नवमी तिथि को दोपहर 12 बजे के पश्चात कर्क राशि में हुआ था। इस साल यह संयोग सुबह 11.05 से दोपहर एक बजे तक रहेगा। साथ ही लग्न में स्वग्रही चंद्रमा, सप्तम भाव में स्वग्रही शनि और दशम भाव में सूर्य बुध और शुक्र के साथ रहेंगे। राम नवमी पर यह शुभ संयोग मानव जीवन को अधिक सुखमय करेगा।
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रामनवमी के दिन जन्म लेने वाले बच्चों की कर्क राशि होगी। ग्रह नक्षत्र ज्योतिष संस्थान के ज्योतिषाचार्य आशुतोष वार्ष्णेय के मुताबिक भगवान राम की राशि कर्क हैं। इस बार रामनवमी के दिन चंद्रमा कर्क राशि में रहेगा। इसलिए जो बच्चे इस दिन जन्मेंगे, उनकी राशि कर्क होगी। कर्क राशि में चंद्रमा के स्वगृही रहने से पर्व अधिक मंगलकारी होगा ।