ब्रह्मांड में खगोल-विज्ञानिक अपनी खोज जारी ही रखते हैं और खोजों में कुछ नया ही निकालते हैं जिसकी हम लोग कभी कल्पना भी नहीं किये होंगे | वैज्ञानिको की प्रतिदिन की जाने वाली खोज में वज्ञानिकों को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है।
मिली जानकारी के मुताबिक, हमारे सोलर सिस्टम के ग्रह नेप्च्यून के पास वैज्ञानिको ने अपनी तकनीको से एक नया चांद खोजा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एलयिंस का संभावित ठिकाना भी हो सकता है। इस नये चाँद का नाम खगोलीय वैज्ञानिको ने हिप्पोकैंप रख दिया है। जानकारी दें दे कि हिप्पोकैंप नेप्च्यून का एक मात्र चांद नहीं है। बता दें कि उसके पास पहले से अपने 13 और चांद हैं ।
इस नए चांद का आकार लगभग 18 मील यह भारत के एक मात्र चाँद से लगभग 100 गुना छोटा है। विज्ञानियों का यह भी मानना है कि हिप्पोकैंप नेप्च्यून के ही दूसरे चांद प्रोटियस का टूटा हुआ भाग भी सो सकता है | बता दें कि ग्रीक पौराणिक कथाओं में हिप्पोकैंप नाम का जिक्र हुआ है। इसका अर्थ होता है एक विशालकाय समुद्री जीव इसके अतिरिक्त इसका शरीर घोड़े का और नीचे का धड़, मछली की पूंछ का आकार दिखाई पड़ता है |
कैलिफॉर्निया के SETI इंस्टिट्यूट ने नेप्च्यून के इस नए चांद हिप्पोकैंप की खोज की है। यह टीम पृथ्वी या उसके वायुमंडल से बाहर की चीजों के बारे में नई –नई रिसर्च करता रहता है। हिप्पोकैंप काफी ठंडा पाया गया है। इस तरह के ठंडे स्थानों को ही एलियंस का संभावित ठिकाना माना जाता है।
नेप्च्यून हमारे सोलर सिस्टम का आठवां ग्रह माना जाता है। आपको बता दें कि इस ग्रह पर हाइड्रोजन, हीलियम और मीथेन गैस बड़ी मात्रा में मौजूद होती है।