कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में छत्तीसढ़ में जो नीति अपनाई थी, उसे अब उत्तर प्रदेश में लागू करने पर सहमति बनी है। रविवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी और कांग्रेस नेता करुणा शुक्ला ने लोकसभा प्रभारियों से कहा, कि बूथ को मजबूत करने के बाद ही निर्णय हमारे पक्ष में आ सकते हैं, और यह हमारी जिम्मेदारी है, कि हर बूथ पर कम से कम पांच प्रशिक्षित कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित होनें चाहिए । करुणा शुक्ला ने कहा,कि लोकसभा चुनाव में समय कम है, हमें वह नीति तैयार करनी होगी, जिससे लोगों को अतिशीघ्र प्रशिक्षित किया जा सके ।
करुणा शुक्ला की अगुआई में पांच लोगों की टीम, जिसने बूथ स्तर पर हुए प्रशिक्षण और चुनाव के दौरान हुए कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग की थी, उन लोगों को इसका गुरुमंत्र दिया। सभी लोकसभा प्रभारियों से कहा गया है, कि वह क्षेत्रों में पहुंचकर अलग-अलग स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करे| सभी प्रभारियों से यह भी कहा गया है, कि वह लोगों को तीन भागो में प्रशिक्षित करें और उन्हें बताये, कि पार्टी की क्या नीतियां हैं, दूसरी अन्य राजनैतिक पार्टियों नें क्या गलत किया है, और इन पांच वर्षों उन्हें किस प्रकार नुकसान हुआ है ?
प्रदेश कांग्रेस की घोषणा-पत्र समिति की बैठक रविवार को समिति के चेयरमैन पूर्व सांसद राशिद अल्वी की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों से आए सुझावों पर वार्ता हुई। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने बताया, कि समिति के समक्ष जो सुझाव आए हैं, उनमें मुख्य रूप से बेरोजगारी, भूमिहीन कृषि मजदूर, महिलाओं के सशक्तीकरण, जन वितरण प्रणाली, सरकार द्वारा शिक्षकों की अनदेखी, पुरानी पेंशन बहाली और मजदूरों व सफाई कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन व अधिकार से सम्बंधित मुद्दे शामिल हैं।