राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस क्यों और कब मनाया जाता है

0
983

भारत की आर्थिक व्यवस्था के सुधार में डाटा का निर्माण बहुत ही आवश्यक है, यह डाटा सांख्यिकी के द्वारा ही तैयार किया जाता है| सांख्यिकी हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग है, इसका प्रयोग प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा अपनी जरुरत के मुताबिक किया जाता है, भारत सरकार ने सांख्यिकी के महत्व को समझा और इसके लिए भारतीय वैज्ञानिक एवं सांख्यिकीविद पी. सी. महालनोबिस के जन्म दिवस 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाने का निर्णय लिया| वर्ष 2018 में सांख्यिकी दिवस का विषय “आधिकारिक सांख्यिकी में गुणवत्ता विश्वास’ था|

Advertisement

ये भी पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय बाल श्रम दिवस क्यों मनाया जाता है, जाने क्या है इसकी विशेषता

पी. सी. महालनोबिस कौन थे ?

पी. सी. महालनोबिस का पूरा नाम प्रशान्त चन्द्र महालनोबिस था| इनका जन्म 29 जून 1893 को कलकत्ता, बंगाल में हुआ था| इन्होंने नेशनल स्टैटिसटिक्स सिस्टम की स्थापना करने में अपना बहुत ही योगदान दिया| इन्होंने पॉपुलेशन स्टडीज की सांख्यिकी माप निर्धारित की थी| यह स्वतंत्र भारत के पहले योजना आयोग के सदस्य बनाये गए थे| इनके योगदान के कारण इन्हें भारत में मॉडर्न स्टैटिस्टिक्स का पिता कहा जाता है|

ये भी पढ़ें: बैंकों की शिकायत कहां करें | जानिए आरबीआई की वेबसाइट पर ऑनलाइन शिकायत करने का पूरा तरीका

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस का प्रारम्भ

भारत जब स्वतंत्र हुआ उस समय भारत में चारों तरफ गरीबी और भुखमरी का आलम था | उस समय भारत में अन्न का उत्पादन बहुत ही कम होता था| जिससे भारत को दूसरे देशों पर निर्भर रहना होता था| भारत को उस समय एक बड़े आर्थिक सुधार की आवश्यकता थी जिसके लिए उसे योजना बनाने के लिए डाटा की आवश्यकता थी| उस समय पी. सी. महालनोबिस ने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया था| जिसके फलस्वरूप भारत सरकार ने 5 जून, 2007 को भारत के राजपत्र में एक अधिसूचना जारी की जिसमें प्रत्येक वर्ष पी. सी. महालनोबिस के जन्मदिवस को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस के रूप में मनाने का उल्लेख किया गया| तब से लेकर आज तक प्रत्येक वर्ष 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस मनाया जाता है|

ये भी पढ़ें: सरकार ला रही समान वेतन का नियम, जल्द ही होगा लागू, बिल को मिल सकती है कैबिनेट की हरी झंडी

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस उद्देश्य

राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस का मुख्य उद्देश्य सामाजिक आर्थिक नियोजन और नीति निर्माण में पी. सी. महालनोबिस के योगदान के प्रति युवाओं के बीच जागरूकता पैदा करना और उन्हें प्रेरित करना है| इससे वह इस क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए विचार कर सके| सांख्यिकी के क्षेत्र में नियोजन तथा नीति निर्माण के आंकड़ों की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए पूरे वर्ष ठोस प्रयास किये जाते है|

ये भी पढ़ें: रिजर्व बैंक का कैश ट्रांजेक्शन को लेकर बड़ा फैसला, अब नहीं लगेगा अतिरिक्त चार्ज

सांख्यिकी दिवस में कार्यक्रम

सांख्यिकी दिवस पर पूरे भारत में सरकारी कार्यालयों, मंत्रालयों, भारतीय सांख्यिकीय संस्थान, विश्वविद्यालयों, राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण के देश भर के कार्यालयों में संगोष्ठियों, सम्मेलनों, वाद-विवाद, क्विज कार्यक्रमों, व्याख्यान मालाओं, निबंधन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है| इसमें सफल होने वाले लोगों को पुरस्कृत किया जाता है|

ये भी पढ़ें: Calibra: फेसबुक 2020 में लॉन्च करेगा लिब्रा क्रिप्टोकरेंसी और कैलिब्रा डिजिटल वॉलेट, जानिए इसकी 10 बड़ी बातें

Advertisement