मैसूर में शाही अंदाज से मनाया जाता है दशहरा, जानिए दशहरे से जुडी रोचक बातें

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Dussehra 2019: वैसे तो दशहरा का त्यौहार हर जगह बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है, लेकिन यही दशहरा का त्यौहार मैसूर में शाही अंदाज में मनाया जाता है| दशहरे वाले दिन अधिकतर स्थानों में धूम मची हुई दिखाई देती हैं| वहीं मैसूर में शाही अंदाज में मनाया जाने वाले दशहरे के इस त्यौहार में पूरा शहर अलग ही रंग में दिखाई देता है। आप भी जानिये मैसूर में दशहरे से जुडी रोचक बाते|

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मैसूर के ऐश्वर्य की झलक

मैसूर एक ऐसी जगह है जहाँ साफ-सफाई, शानदार मैसूर महल और मैसूर पार्क मौजूद| जहाँ पर मनाया जाने वाला शाही दशहरा मशहूर है| जानकारी देते हुए बता दें कि, ब्रिटिश ऑर्किटेक्ट इरविन की ने इस खूबसूरत महल को बनाया था। इंडो-अरेबिक शैली में बने इस भव्य मैसूर महल की सुंदरता दशहरे के दौरान अपने पूरे शबाब पर आ जाती है। यहाँ पर  दशहरे के दिन इसे सजाने के लिए लगभग 1 लाख बल्ब का इस्तेमाल होता है। जो शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक लगातार जगमगाते है|

ऐसे हुई दशहरे की शुरूआत 

बताया जाता है कि, “हरिहर और बुक्का नामक दो भाइयों ने 14वीं शताब्दी में यहां नवरात्रि मनाया था। पूरे छह शताब्दी बाद वाडियार राजवंश के शासक कृष्णराज वाडियार ने इस पर्व को दशहरे का नाम दिया। उस समय दशहरे के साथ कई तरह के कार्यक्रमों जैसे संगीत, नृत्य और जुलूस का भी आयोजन होता था। “

जम्बू सवारी मानी जाती  है खास 

मैसूर में दसवें दिन मनाए जाने वाले उत्सव को जम्बू सवारी के नाम से जाना जाता है, जिसमें बलराम नामक हाथी को मुख्य माना जाता है, और उसके साथ 11 अन्य हाथी भी होते है| इस दिन बहुत ही भव्य जुलूस भी निकलता है, जिसमें खास सजावट वाले हाथी भी शामिल किया जाता हैं। बलराम के हौदे पर मां चामुंडेश्वरी देवी को विराजमान किया जाता है, फिर वो पूरा मैसूर घूमती है। मैसूर महल के ठीक सामने प्रदर्शनी लगाई जाती है, जो बहुत ही खास होती है। जिसमें कपड़ों से लेकर सजावट हर तरह की खरीददारी की जाती है|

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