चुनाव में खर्च की सीमा क्या है, निगरानी कैसे होती है

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वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों की खर्चा की सीमा आयोग ने बढ़ा दी है। पिछले चुनावों में उम्मीवादारों की खर्च की सीमा 40 लाख रुपए थी, परन्तु अब यह सीमा बढ़ाकर 70 लाख रुपए कर दी गयी है । आचार संहिता के दौरान 10 लाख रुपए नकद परिवहन पर आयकर विभाग जांच करेगा। बैंकों को बड़े पैमाने पर जमा और निकासी की जानकारी आयकर विभाग को देना होगा |

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आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है, इस सम्बन्ध में लोकसभा चुनाव व्यय संबंध में इनफोर्समेंट कमेटी की बैठक आयोजित हुई, बैठक में बताया गया, जिला स्तर पर व्यय लेखा समिति गठित की जाएगी। निगरानी दल और उडऩदस्ता भी प्रत्याशियों के व्यय दल पर निगरानी रखेगा। प्रत्याशियों का समय-समय पर अपने चुनाव व्यय का ब्यौरा स्वयं देना होगा। राजस्व विभाग संपत्ति विरूपण अधिनियम के अंतर्गत पुराने बैनर-पोस्टर हटाए जायेंगे ।

निगरानी दल द्वारा राखी जाएगी नजर

लोकसभा निर्वाचन 2019 की तैयारियों के लिए निर्वाचन व्यय निगरानी करने के लिए उड़नदस्ता दल तथा स्थैतिक निगरानी दल का गठन किया गया है,  निर्वाचन व्यय निगरानी के संबंध में पुलिस विभाग को जिम्मेदारी दी गई हैं। आयकर विभाग संदेहास्पद लेनदेन वाले खातों पर नजर रखेगा |

निगरानी दल एयरपोर्ट पर भी 24 घंटे तैनात रहेगा। संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा नगद राशि परिवहन करने की जांच करेगा। निर्वाचन की घोषणा तिथि से लेकर परिणाम घोषणा की तारीख तक राजनैतिक दलों के पार्टी व्यय पर उड़नदस्ता के माध्यम से जिला प्राधिकारियों द्वारा नजर रखी जाएगी।

निर्वाचन के दौरान व्यय निगरानी दल राजनीतिक दलों तथा प्रत्याशी के प्रचार- प्रसार और उनके द्वारा किए जा रहे जनसंपर्क के विभिन्न माध्यमों तथा उसके लिए किए जा रहे व्यय का लेखा-जोखा तैयार करेगी, यह व्यय निगरानी दल हर उस संदिग्ध लेनदेन, परिवहन तथा व्यवहार पर नजर रखेंगे, जो निष्पक्ष निर्वाचन के किसी भी पक्ष को प्रभावित कर सकता है| प्रत्य़ाशी के किसी भी व्यय पर मतभेद अथवा विवाद की स्थिति में जिला व्यय निगरानी समिति के प्रमुख के समक्ष पक्ष रखा जा सकता है|

वीडियो रिकार्डिंग

उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार, प्रत्याशी के प्रतिदिन की राजनीतिक गतिविधि की रिकार्डिंग वीडियो निगरानी दल द्वारा की जाएगी | इन वीडियो का अवलोकन वीडियो अवलोकल दल करता है|

खर्च का ब्यौरा न देने पर मिलेगा दंड

व्यय लेखा जमा न करने वाले, गलत लेखा जमा करने वाले अथवा सीमा से अधिक व्यय करने वाले प्रत्य़ाशियों को दंडित करने का प्रावधान है|  निर्वाचन आयोग द्वारा ऐसे प्रत्याशियों को तीन वर्ष के लिए निर्वाचन के अयोग्य घोषित कर दिया जाता है, वहीं भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत भी अनाधिकृत लेन देन के लिए कार्रवाई का प्रावधान है |

सीआईएसएफ को निर्देशित किया गया है, कि इंटेलीजेंस यूनिट के साथ समन्वय कर एयरपोर्ट, एयरस्ट्रिप, हैलीपेड पर चैकिंग की की जाए। उड़नदस्ते बनाकर आबकारी विभाग द्वारा छापे की कार्रवाई की जाए। बैंक संदेहास्पद लेन-देन की जानकारी आयकर विभाग को तुरंत उपलब्ध कराये जानें के निर्देश दिए गये है |

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