आयोध्या विवाद हिन्दू- मुस्लिम एकता के बीच बहुत ही बड़ी रूकावट है | इसलिए वह मध्यस्थता पैनल का गठन कर के मामले को सुलझाने का कार्य कर रही है | शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान पैनल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी | इस रिपोर्ट को देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ” वह मध्यस्थता पैनल को लेकर आशावादी है, हमने मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट देखी है, मध्यस्थता पैनल और वक्त चाहता है, हम इसके लिए सहमत हैं | मध्यस्थता की प्रक्रिया को लेकर हमने रिपोर्ट देखी है, पैनल ने 15 अगस्त तक वक्त मांगा है, ऐसे में समय दिया जा रहा है, हम नहीं चाहते हैं कि मध्यस्थता के बीच में समय की कमी आये इसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि पैनल आशावादी है | “
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इस निर्णय के बाद मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि “हम इसका समर्थन करते हैं | लेकिन रामलला विराजमान की तरफ से इसका विरोध किया गया है | इनकी तरफ से सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि अभी तक इसकी सुनवाई में बहुत ही समय लग चुका है, जिससे लोगों के बीच असंतोष व्याप्त हो रहा है, अब इसमें देरी करना उचित नहीं है | उन्होंने कहा कि मध्यस्थता पैनल की बैठक जून महीने में आयोजित की जाएगी इसके बाद मामले की सुनवाई की जा सकती है |”
इसके जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा कि “समिति ने सकारात्मक संकेत दिए हैं, लिहाज़ा वक्त देने में कोई हर्ज नहीं है, अब इस मामले की सुनवाई 15 अगस्त के बाद ही होगी ” | कोर्ट की कार्यवाही केवल 6 मिनट में ही समाप्त हो गयी |
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