लॉकडाउन के दौरान पैदल चल पड़े अपने गांव
लॉकडाउन के कारण से सड़कों पर सन्नाटा दिख रहा है। परन्तु कुछ मजबूर कदम अपने सामान लाद फंद के एक लंबे सफर के लिए निकल दिए हैं । यह सफर कब तक पूरा होगा । यह उनको भी नहीं मालूम है । परन्तु शहर में रोटी के लिए काम कर रहे इन मजदूरों ने लॉकडाउनके दौरान भी अपने घर पर जाने के लिए फैसला कर लिए है । लेकिन सफर बहुत बड़ा है । जैसे- कोई व्यक्ति दिल्ली से अलीगढ़ जा रहा है,तो कोई बिहार या फिर झारखंड आदि वो भी पैदल चल कर जा रहें हैं । इनके इरादे बहुत मजबूत हैं । साथ में उनके बच्चे और औरतें भी हैं । ये सभी लोग इस उम्मीद से शहर छोड़ कर दिए हैं कि अपने गांव में पहुँच कर भूखे तो नहीं मरेंगे । पूरे देश को 21 दिनों तक लॉकडाउन किया गया है । जिससे नॉवेल कोरोना वायरस से जीता जा सके । परन्तु लॉकडाउन के दौरान भी इन मजदूरों का जीवन संघर्ष मय बीत रहा है ।
लॉकडाउन क्या होता है, आखिर क्यों किया जाता है – जाने सब कुछ यहाँ
सूरत से बांसवाड़ा 361Km का पैदल सफर
कृपया इन लोगों की सहायता करें
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न खाना है, न पानी। बस 2 दिन से चलते ही जा रहे हैं। बस किसी तरह से घर पहुंचना है | अगर रास्ते में कुछ मिल जाता है, तो खा लिए हैं |
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बुढाना जा रहा है यह 16 साल बच्चा
दिल्ली से बुढाना लगभग 285 किलोमीटर है । लेकिन यह बच्चा पैदल ही निकल चुका है। इसके साथ कई और लोग हैं जो बिना पानी-खाने के अपने घर अलीगढ़ जा रहे है |
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10 साल का बच्चा भी पैदल चल पड़ा अपने घर
इस बच्चे की उम्र 10 साल बताई जा रही है। यह बच्चा पैदल गाजियाबाद से मथुरा की लिए जा रहा है। कंधे पर बैग उठाए है और बस चलता जा रहा है । गौरतलब है कि कोरोना वायरस ने दुनिया में अफरा-तफरी मचा दिया है।
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