The Accidental Prime Minister (द ऐक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर) 11 जनवरी को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है। यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की किताब पर बनी है| संजय बारू की किताब के माध्यम से वर्ष 2004 से 2014 के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पीएमओ से जुड़ी कड़ियों को दिखाया गया है|
फिल्म का ट्रेलर लॉन्च होते ही, यह फिल्म विवादों से घिर गई थी और इस पर सियासत भी शुरू हो गई थी, जिस पर फिल्म बनाने की मंशा को लेकर राजनैतिक पार्टियों द्वारा विरोध किया जा रहा हैं, जबकि आगामी होनें वाले चुनावों में कुछ समय ही शेष रह गया है |
फिल्म का रिव्यू
फिल्म की कहानी की शुरुआत वर्ष 2004 में लोकसभा में यूपीए के विजयी होने के साथ शुरू होती है, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (सुजैन बर्नेट) स्वयं प्रधानमंत्री का पद ना ग्रहण करते हुए डॉक्टर मनमोहन सिंह को पीएम पद हेतु चुनती हैं, इसके बाद कहानी में राहुल गांधी (अर्जुन माथुर), प्रियंका गांधी (आहना कुमरा) जैसे कई किरदार आते हैं। संजय बारू (अक्षय खन्ना ) को पीएम के मीडिया सलाहकार के रूप में दिखाया गया है, परन्तु उन्होंने एक बात पहले ही स्पष्ट कर दी है, कि वह अपनी रिपोर्टिंग पार्टी की हाईकमान सोनिया गांधी को नहीं करेंगे बल्कि पीएम को ही रिपोर्ट करेगा।
बारू पीएम के लिए भाषण लिखते है, इसके साथ ही फिर पीएम को मीडिया के सामने आत्मविश्वास के साथ आना, बुश के साथ न्यूक्लियर डील की वार्ता करना, इस सौदे पर पीएम को कटघरे में खड़े किए जाना, पीएम द्वारा लिए गये निर्णय पर हाईकमान अर्थात सोनिया गांधी के प्रभाव को बेहतर ढंग से दिखाया गया है|
प्रधानमंत्री और हाईकमान का टकराव, विरोधियों का सामना जैसे कई दृश्यों के बाद न्यूक्लियर मुद्दे पर पीएम अपनें पद से इस्तीफा देने पर हाईकमान द्वारा उन्हें इस्तीफा देने से रोक लिया जाता है । आगे की कहानी में उनकी जीत और 2 जी जैसे घोटाले के बारें में दिखाया गया हैं। फिल्म में प्रभावी रूप से दिखाया गया है, कि वाल अपनी ही पार्टी के लोगों की राजनीति का शिकार कैसे बने ? फिल्म में रोमांचक टर्न्स के साथ-साथ ट्विस्ट की कमी है, फिल्म एक ही सेट अप के कारण बोर करने लगती है|
बेहतर अभिनय
यदि अभिनय की बात की जाए, तो पूर्व पीएम की भूमिका में बेहतर प्रदर्शन हेतु अनुपम खेर को बधाई भी मिल चुकी है, परन्तु अनुपम खेर दोनों हाथ आगे झुकाकर चलने हुए बेहद अटपटे लगते हैं | उन्होंने किरदार की गंभीरता को बनाए रखते हुए पीएम की बेचारगी, बेबसी और डार्क ह्यूमर को अच्छी तरह से निभाया है।
अक्षय खन्ना नें बारू का किरदार निभाया है, उन्होंने अपने प्रभावी संवाद से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है। सुजैन बर्नर्ट जो एक जर्मन ऐक्ट्रेस है, उन्होंने सोनिया गांधी के लुक को अच्छी तरह से प्रदर्शित किया है | प्रियंका के रूप में आहना का प्रदर्शन भी प्रशंशनीय है | राहुल गाँधी की भूमिका में अर्जुन माथुर को अधिक सीन्स नहीं है । पीएम की पत्नी की भूमिका दिव्या सेठ नें प्रभावी रूप से निभाई है|