पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान 22 जुलाई को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पहली बार मुलाकात करने जाएंगे| इसके बाद वहां पर एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों में नयी जान फूंकने पर जोर दिया जाएगा| जानकारी देते हुए बता दें कि, अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा पाकिस्तान की आलोचना करने, सैन्य सहायता रद्द करने तथा उसे आतंकवाद का मुकाबला करने के के साथ-साथ और भी कई कदम उठाने की बात कही गई थी, जिसके बाद दोनों देशों के सम्बन्ध में काफी तनाव हो गया था|
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वहीं बृहस्पतिवार 4 जुलाई को विदेश विभाग के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान घोषणा करते हुए कहा था कि, खान राष्ट्रपति ट्रंप के निमंत्रण पर अमेरिका की अपनी पहली यात्रा पर जायेंगे। खान ने जनवरी 2018 को कहा था कि, चुनाव (उस साल के आखिर में होने वाले) के बाद यदि वह प्रधानमंत्री बन जाते हैं, तो ट्रंप से उनकी मुलाकात कड़वा घूंट पीने जैसी होगी, लेकिन ”मैं उनसे मिलूंगा। वह पिछले साल चुनाव जीते थे और अगस्त में उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी।” इसी के साथ फैसल ने कहा कि, इस बैठक का एजेंडा राजनयिक माध्यम से तय किया जा रहा है, लेकिन इसमें द्विपक्षीय संबंधों में जान फूंकने पर बल होगा।
जिस समय अमेरिका ने बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया है, उसी समय यह घोषणा भी की गई है और वहीं पाकिस्तान ने मुम्बई हमलों के सरगना हाफिज सईद के साथ-साथ जमात उद दावा के 13 शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर दी है। फैसल ने कहा, ”(अमेरिका का) यह (कदम) बीएलए पर पाकिस्तान के रुख को स्वीकार करता है।”
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