अंतरिम बजट इस बार होगा पेश – जानिए इसके बारे में

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वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी को अंतरिम बजट (Interim Budget) पेश करेंगे | यह जेटली जी का लगातार छठा केंद्रीय बजट होगा |  इस बार वह पूर्ण बजट के स्थान पर अंतरिम बजट पेश करेंगे, क्योंकि आम चुनाव के कारण सरकार उसी समय तक का बजट पेश करेगी, जब तक उसका कार्यकाल है|

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अंतरिम बजट को वोट ऑन अकाउंट (Vote on Account) कहा जाता है, इसे लेखानुदान मांग और मिनी बजट भी कहा जाता है|

वोट ऑन अकाउंट के माध्यम से सीमित अवधि के लिए सरकार के आवश्यक खर्च को स्वीकृति प्राप्त होती है |  आम तौर पर जिस वर्ष लोकसभा चुनाव होता है, उस वर्ष सरकार अंतरिम बजट पेश करती है| चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है|

भारत के इतिहास में पहला अंतरिम बजट मोरारजी देसाई ने वर्ष 1962-63 में पेश किया था | वर्ष 1991-92 में विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार जाने के बाद यशवंत सिन्हा ने अंतरिम बजट पेश किया था |

अंतरिम बजट में सरकार द्वारा कोई ऐसा नीतिगत निर्णय नहीं लिया जाता है, जिसके लिए कानून में संशोधन अथवा संसद की स्वीकृति लेनी पड़े, क्योंकि इस पर चुनाव के बाद बनने वाली सरकार का अधिकार बनता है, परंपरा के अनुसार अंतरिम बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई संशोधन नहीं किया जाता है|

अंतरिम बजट के साथ इस बार आर्थिक सर्वे पेश नहीं किया जाएगा | इसे पूर्ण बजट के साथ जून या जुलाई में नई सरकार द्वारा पेश किया जाएगा, परन्तु इस बार अंतरिम बजट में कुछ खास घोषणाएं होनें का अनुमान लगाया जा रहा है|

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