Health Tips: दुनिया में बहुत से ऐसे लोग मौजूद हैं, जो एनर्जी ड्रिंक के काफी शौकीन होते है, और वो एनर्जी ड्रिंक पिए बिना रह ही नहीं पाते हैं| इसलिए यदि आप भी एनर्जी ड्रिंक के शौकीन हैं, तो जान लीजिये कि इसका क्या प्रभाव पड़ता हैं? बता दें कि, एनर्जी ड्रिंक करने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और हृदय की लय बाधित हो सकती है|
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शोध के अनुसार
शोध के मुताबिक, एनर्जी ड्रिंक में कैफीन, टॉरिन और अन्य उत्तेजक पदार्थो के उच्च स्तर होते हैं, और इनके दुष्प्रभावों को लेकर हमेशा बहस होती रही है| ये पेय ब्लड प्रेशर (बीपी) बढ़ाते हैं, और इससे दिल के दौरे खतरा बना रह सकता है| इसके अलावा जानलेवा एरिदमिया या असामान्य हृदय लय रोग हो सकता है|
एक्सपर्टस के अनुसार
एक्सपर्ट के मुताबिक, हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ.के.के. अग्रवाल का कहना है, कि दो से अधिक एनर्जी ड्रिंक लेने से दिल को नुकसान पहुंच सकता है, और यह एरिदमिया या असामान्य हृदय-लय जैसी स्थितियों का कारण बन सकता है| इस स्थिति में दिल धड़कने की दर या तो बहुत तेज या बहुत धीमी हो जाती है|
एनर्जी ड्रिंक लेने से होते हैं ये नुकसान
एनर्जी ड्रिंक करने से हमारे शरीर में एरिदमिया सा बन जाता है, जो अक्सर एक बीमार हृदय में पाया जाता है| इसके अलावा यह हमारे शरीर को अंदर से खोखला बना देता हैं|
सुझाव
1.लो ब्लड प्रेशर, लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) बैड कोलेस्ट्रॉल, फास्ट शुगर, हार्ट रेट और पेट के निचले हिस्से को 80 से नीचे रखें|
2.किडनी और फेफड़े के कार्य 80 प्रतिशत से ऊपर रखें|
3.शारीरिक गतिविधि (न्यूनतम 80 मिनट प्रति सप्ताह जोरदार व्यायाम) में व्यस्त रहें| प्रतिदिन 80 मिनट पैदल चलें, कम से कम 80 कदम प्रति मिनट की गति से 80 मिनट प्रति सप्ताह पैदल चलें|
4.कम खाएं और प्रत्येक भोजन में कम 80 ग्राम या एमएल कैलोरी लें|
5.निर्धारित होने पर रोकथाम के लिए 80 मिलीग्राम एटोरवास्टेटिन लें, शोर का स्तर 80 डीबी से कम रखें|
6.पार्टिकुलेट मैटर पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर को 80 एमसीजी प्रति क्यूबिक मीटर से नीचे रखें|
7.दिल की कंडीशनिंग वाले व्यायाम करते समय लक्ष्य हृदय गति 80 प्रतिशत रखें |
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