आजकल दुनिया में पैन कार्ड सभी लोगों के पास रहता है, जिसमें 10 अंकों का एक कोड दिया हुआ होता है| यह सामान्य सा नंबर नहीं होता है, बल्कि पेन कार्ड-धारक के बारे में कुछ जानकारियों के लिये एक कोड होता है। यूटीआई और एनएसडीएल के जरिए पेन कार्ड जारी करने वाला आयकर विभाग पेन कार्ड के लिए एक विशेष प्रक्रिया का यूज करता है। दस डिजिट वाले प्रत्येक पेन कार्ड में नंबर और अक्षरों का एक मिश्रण होता है। इसमें पहले पांच कैरेक्टर हमेशा अक्षर होते हैं, फिर अगले 4 कैरेक्टर नंबर होते हैं और फिर अंत में वापस एक अक्षर आता है। जिसे पेन नंबर बोला जाता है।
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आपके पेन कार्ड के पहले पांच कैरेक्टर्स में से पहले तीन कैरेक्टर अल्फाबेटिक सीरीज को दर्शाने का काम करते हैं। वहीं, पेन नंबर का चौथा कैरेक्टर यह बताता है कि, आप आयकर विभाग की नजर में क्या हैं। जैसे अगर आप इंडिविजुअल हैं तो आपके पेन कार्ड का चौथा कैरेक्टर P रहेगा । अब आगे जानिये कि बाकी के अक्षरों का क्या मतलब होता है?
C- कंपनी
H- हिंदू अविभाजित परिवार
A- व्यक्तियों का संघ (AOP)
B- बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स (BOI)
G- सरकारी एजेंसी
J- आर्टिफिशियल ज्युडिशियल पर्सन
L- लोकल अथॉरिटी
F- फर्म/लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनिरशिप
T- ट्रस्ट
इसके बाद आपके पेन नंबर का पांचवा कैरेक्टर जो रहता वह आपके सरनेम के पहले अक्षर को दर्शाने का काम करता है। अर्थात अगर आपका सरनेम गुप्ता है, तो आपके पेन नंबर का पांचवा कैरेक्टर G दिया रहेगा| वहीं, नॉन इंडिविजुअल पेन कार्डधारकों के लिए पांचवां करैक्टर उनके नाम के पहले अक्षर के बारे में बताता है|
इसके अलावा अगले चार कैरेक्टर नंबर होते हैं, जो 0001 से 9990 के बीच हो सकते हैं। इसके बाद आपके पेन नंबर का अंतिम करैक्टर हमेशा एक ही अक्षर रहता है|
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