भ्रष्टाचार निरोधक नियामक के गठन की मांग को लेकर 30 जनवरी से अनशन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को अपना अनशन समाप्त कर दिया है । वह पिछले 7 दिनों से अनशन पर थे, उन्होंने पत्रकारों से कहा, कि मुख्यमंत्री फडणवीस और अन्य मंत्रियों के साथ संतोषषजनक बातचीत के बाद मैंने अपना अनशन समाप्त करने का निर्णय लिया है ।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का कहना है, कि वह पिछले पांच वर्षो में उन्होंने लोकपाल प्राधिकरण को लागू करने के लिए लगभग 35 पत्र प्रधानमंत्री को लिख चुके है, परन्तु उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया | अन्ना ने जोर देते हुए कहा, “कानून के मुताबिक, केंद्र में लोकपाल और राज्य में केवल लोकायुक्त को नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन वादों के बावजूद इसे लागू नहीं किया गया| जिसके कारण अन्ना हजारे ने 30 जनवरी को अनिश्चितकालीन अनशन की शुरुआत की थी ।
मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “अन्ना की प्रमुख मांगों के ऊपर भारत के कृषि मंत्री और मैं और महाराष्ट्र के अल संपदा मंत्री ने अन्ना के साथ लंबी चर्चा की। इस दौरान कई मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई है । लोकपाल के सन्दर्भ में हमने प्रधानमंत्री कार्यालय की एक चिट्ठी अन्ना जी को दी है, जिसमें स्पष्ट कहा गया है, कि इसकी जो सर्च कमेटी है उसकी एक मीटिंग 13 फरवरी को ली जायेगी और सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं, उसका पालन करके उसकी कार्रवाई पूरी की जायेगी।”