केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बतौर वित्त मंत्री मोदी सरकार का अंतिम बजट पेश किया। वित्तमंत्री ने लोकसभा में वित्तवर्ष 2019-20 का अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए कहा, “भारत अब मोबाइल डाटा के खपत में दुनिया में सबसे आगे है। मोबाइल डाटा की मासिक खपत पिछले पांच वर्षो में 50 गुना अधिक वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, कि “देश में डाटा व वॉयस कॉल की कीमत दुनिया में संभवत: सबसे कम है।” जानकारों के अनुसार, रिलायंस जियो के 28 करोड़ उपभोक्ताओं का डाटा खपत में बड़ा योगदान है। इसका मुख्य कारण रिलायंस के बेहद सस्ते डाटा प्लान है।
मोबाइल डाटा के अधिक उपयोग का कारण
1.टेलीकॉम एक्सपर्ट्स के अनुसार देश में इंटरनेट सस्ता होना मुख्य कारण है, आज से पांच वर्ष पूर्व जो कीमत थी,उससे लगभग 90 प्रतिशत कम दामों पर आज इंटरनेट उपलब्ध है
2.आज से पांच वर्ष पूर्व देश में लगभग 65 प्रतिशत आबादी को मोबाइल नेटवर्क मिल रहा था, जो आज बढ़कर 95 प्रतिशत तक पहुँच चुका है
3.पहले इन्टरनेट का उपयोग सिर्फ शहरी क्षेत्रो में उपयोग किया जाता था, वर्तमान में शहरी क्षेत्रो के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रो में लगभग बराबर इंटरनेट का उपयोग किया जा रहा है|
इसके साथ ही, अब क्षेत्रीय भाषाओं में भी इंटरनेट पर कंटेंट मौजूद है, जबकि पहले हिंदी या अंग्रेजी में ही कंटेंट मिलता था।
4.पहले लोग इन्टरनेट पर सिर्फ जानकारी प्राप्त करनें के लिए इसका उपयोग करते थे, और आज टिकट, टैक्सी,खाना आदि बुक करनें आदि अनेक कार्यों के लिए इन्टरनेट का उपयोग करते है
5.इन्टरनेट उपयोग बढनें का सबसे अहम कारण स्मार्टफोन है, पांच वर्ष पूर्व 2जी था, लेकिन आज 3जी और 4जी है। पहले स्मार्टफोन 20-25 हजार रुपए तक का आता था, लेकिन आज कम कीमत में ही अच्छे ब्रांड के स्मार्टफोन उपलब्ध हैं
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ऑनलाइन वीडियो देखा जाना
ऑनलाइन वीडियो देखा जाना, यह भी एक प्रमुख कारण है | सबसे अधिक समय तक ऑनलाइन वीडियो देखने के मामले में फिलीपींस पहले नंबर पर और दूसरे नंबर पर भारतीय हैं। डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराने वाली संस्था ‘लाइमलाइट नेटवर्क’ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय प्रत्येक सप्ताह औसतन 8 घंटे 28 मिनट, फिलीपींस 8 घंटे 46 मिनट और तीसरे नंबर पर अमेरिका हर हफ्ते 8 घंटे 19 मिनट तक ऑनलाइन वीडियो देखते हैं।
डाटा उपयोग में सोशल मीडिया का अहम रोल
सोशल मीडिया पर भी सबसे अधिक समय व्यतीत करनें में भारत 13वें नंबर पर हैं। लंदन की रिसर्च फर्म ‘ग्लोबल वेब इंडेक्स’ के अनुसार, दुनियाभर में लोग प्रतिदिन औसतन 2 घंटे 22 मिनट सोशल मीडिया और मैसेजिंग पर व्यतीत करते हैं, जबकि 2017 में यह समय 2 घंटे 15 मिनट था |
देश में इंटरनेट डेटा का उपयोग 144% वार्षिक की दर से बढ़ रहा है, जबकि वर्ष 2019 में देश में इंटरनेट और सस्ता होने की संभावना है| वर्ष 2014 में 1 जीबी डेटा की औसत कीमत 269 रुपए थी, जो कम होते-होते 2017 में 19 रुपए तक आ गई है। इस वर्ष कंपनियों के बीच डेटा वॉर बढ़ने से 1 जीबी डेटा 15 रुपए से भी कम होनें की संभावना है।
2022 तक सबसे ज्यादा इंटरनेट यूजर्स भारतीय होंगे
सिस्को से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2022 तक भारत में स्मार्टफोन यूजर्स की संख्या 82.9 करोड़ से अधिक तक पहुंचने की संभावना है, जबकि 2017 में यह संख्या लगभग 40 करोड़ थी। वर्ष 2017 तक भारत में 35.7 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते थे, जो पूरी दुनिया की 27% आबादी है, परन्तु वर्ष 2022 तक तक यह अनुमान लगाया जा रहा है, कि इंटरनेट यूजर्स की संख्या 84 करोड़ से अधिक होगी, जिसका मतलब हुआ कि दुनियाभर के 60% इंटरनेट यूजर्स भारतीय ही होंगे। सिस्को के अनुसार, दुनिया के सबसे अधिक इंटरनेट यूजर्स भारत में होंगे।
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