आठवीं लोकसभा चुनाव परिणाम 1984

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कार्यकाल– 31 दिसंबर 1984 से 27 नवंबर 1989

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Eighth Lok Sabha Elections 1984 Result

नवम्बर, 1984 में आठवीं लोकसभा चुनावों की घोषणा गई। चुनाव प्रचार के दौरान इंदिरा गांधी के पुत्र राजीव गांधी ने देश की जनता को अपने परिवार के योगदान की याद दिलाई और स्वयं को एक सुधारक के रूप में प्रस्तुत किया। 31 अक्टूबर, 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या ने कांग्रेस के लिए सहानुभूति का कार्य किया।

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इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद लोकसभा को भंग कर दिया गया और राजीव गांधी ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की, और नवम्बर, 1984 के लिए चुनाव की घोषणा कर दी गई। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने भारी बहुमत से जीत हासिल की। कांग्रेस ने 409 लोकसभा सीटें और लोकप्रिय मतों का 50 प्रतिशत अपने नाम किया। यह पार्टी का अब तक का शानदार और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।

तेलुगूदेशम पार्टी 30 सीटों के साथ संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। यह भारतीय संसद के इतिहास के उन दुर्लभ रिकार्डों में एक था, जिसमें कोई क्षेत्रीय पार्टी मुख्य विपक्षी दल के रूप में आई थी।

स्पीकर डॉ.बलराम जाखड़ 16/1/1985 से 18/12/1989
डिप्टी स्पीकर श्री एम थम्बी दुरई 22/1/1985 से 27/11/1989
सेक्रेटरी -जनरल डॉ सुभाष सी कश्यप 31/12/1984 से 27/11/1989
क्र० सं० पार्टी का नाम सदस्यों की संख्या
1. कांग्रेस (I) 409
2. तेलुगु देशम पार्टी (TDP) 30
3. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (माकपा) 23
4. जनता पार्टी 16
5. ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम 12
6. निर्दलीय (इंडस्ट्रीज़) 9
7. अकाली दल 7
8. असोम गण परिषद (एजीपी) 7
9. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) 6
10. कांग्रेस (एस) 5
11. लोक दल 4
12. स्वाधीन 4
13. राष्ट्रीय सम्मेलन (NC) 3
14. क्रांतिकारी सोशलिस्ट पार्टी (RSP) 3
15. ऑल इंडिया फ़ॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB) 2
16. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2
17. द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) 2
18. केरल कांग्रेस (केईसी) 2
19. मुस्लिम लीग (एमएल) 2
20. नामांकित (समुद्री मील दूर) 2

आठवीं लोकसभा ने 27 नवंबर 1989 तक का अपना कार्यकाल पूरा किया था, जिसमे स्पीकर डॉ.बलराम जाखड़ थे| डिप्टी स्पीकर श्री एम थम्बी दुरई तथा सेक्रेटरी -जनरल डॉ सुभाष सी कश्यप को बनाया गया था| इस लोक सभा चुनाव में कांग्रेस (I) के सदस्यों की संख्या सबसे अधिक 409 थी, इसी समय तेलुगूदेशम पार्टी 30 सीटों के साथ संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी ।

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