प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के ‘इस्कॉन’ मंदिर में 26 फरवरी को एक विशाल ‘भगवद् गीता’ का विमोचन करेंगे, 670 पेज में बनी 12 फीट लंबी और 9 फीट चौड़ी और उसका वजन 800 किलोग्राम है। ‘इस्कॉन’ के अनुसार इसे ‘एस्टाउंडिंग भगवद् गीता’ कहा जा रहा है। इसे दुनिया की सबसे बड़ी पवित्र पुस्तक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक को तैयार करने में सिंथेटिक कागज के अलावा सोना, चांदी और प्लेटिनम का खासतौर से इस्तेमाल किया गया है।
इस्कॉन ने एक बयान में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी’ 26 फरवरी को नई दिल्ली में ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित इस्कॉन मंदिर एवं सांस्कृतिक केंद्र में ‘एस्टाउंडिंग भगवद्गीता’ का विमोचन करेंगे । प्रधानमंत्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री मंगलवार को इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, प्रधानमंत्री इस दौरान वहां उपस्थित दुनिया भर के आध्यात्मिक नेताओं, राजनयिकों, सामाजिक नेताओं, भक्तों और इस्कॉन के सदस्यों को संबोधित करेंगे|
‘इस्कॉन’का पूरा नाम इंटरनैशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस है | इस्कॉन लगभग 400 से अधिक मंदिरों का एक विश्वव्यापी परिसंघ है, जिसके माध्यम से लगभग 100 से अधिक शाकाहारी रेस्त्रां और अनेक प्रकार की सामुदायिक सेवा परियोजनाएं संचालित की जाती है। इस्कॉन के संस्थापक स्वामी प्रभुपाद की ओर से गीता प्रचार के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह प्रकाशित कराई गई है। इस पुस्तक को छपवाने में संस्थान को लगभग तीन वर्ष का समय लगा है, तथा इसे बनवानें में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत आई है।