उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नई नीति के अंतर्गत एक अप्रैल 2019 से यूपी में बीयर बार लाइसेंस को निरस्त करने का निर्णय लिया हैं, इसके साथ ही बीयर बार लाइसेंसों के नवीनीकरण की प्रक्रिया को भी हमेशा के लिए बंद कर दिया हैं। सरकार द्वारा शराब असोसिएशन नई आबकारी नीति में कुछ अहम संशोधन भी किए गए हैं। बीयर बार लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को अब आबकारी विभाग सीधे बार लाइसेंस उपलब्ध कराएगा। जिसके लिए उम्मीदवारों को अब पूरे वर्ष के लिए 8 लाख 80 हजार शुल्क का भुगतान करना होगा ।
उत्तर प्रदेश सरकार के 1 अप्रैल 2019 से बीयर बार लाइसेंस समाप्त करने के निर्णय को लेकर आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया, कि आबकारी विभाग के नए नियम के अनुसार बीयर बार लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को बीयर बार लाइसेंस की जगह केवल बार लाइसेंस की ही अनुमति प्रदान की जाएगी, इसके साथ ही यदि कोई अपने होटेल और रेस्तरां में बीयर बार का लाइसेंस लेना चाहता है, तो उसे भी बार लाइसेंस लेना पड़ेगा ।अब आबकारी विभाग के इस बदलाव के बाद 1 अप्रैल 2019 से बीयर बार लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।
आबकारी विभाग के इस संशोधन के बाद उम्मीदवारों को एक अप्रैल 2019 से बीयर बार लाइसेंस की जगह बार लाइसेंस की दिया जाएगा। इसके लिए बार लाइसेंस धारकों को 8 लाख 80 हजार रुपए सालाना फीस देनी होगी, जबकि इससे पूर्व बीयर बार लाइसेंस धारकों को 2.5 लाख रुपए सालाना फीस देनी होती थी, लेकिन अब उन्हें बार लाइसेंस के लिए अब 1 अप्रैल 2019 पहले की अपेक्षा चार गुना अधिक फीस देनी होगी, अर्थात जो उम्मीदवार 8.80 लाख रुपए बियर बार लाइसेंस का शुल्क देगें, उन्हें ही बार लाइसेंस खोलने की अनुमति दी जाएगी।