इस वर्ष चैत्र नवरात्रि 6 अप्रैल से शुरू हो जायेंगे, और ये नवरात्रि14 अप्रैल तक रहेंगे| बता दें, कि नवरात्रि के इन दिनों में घरों दुर्गा माता का वास होता हैं| नवरात्रि का पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है| इस वर्ष नवरात्रि की तैयारियां करने में सभी लोग काफी ज़ोरों के साथ लगे हुए हैं| सभी लोग बाजार से नवरात्रि पूजन की सामग्री लाते है|
नवरात्रि के लिए सभी जगह के मदिरों में सजावट तेजी से की जा रही है| नवरात्रि के पूजन में बहुत सारे लोग कलश स्थापना भी करते हैं| जिसके लिए वो नवरात्रि के पहले दिन पंडितों को घर में बुलाकर कलश स्थापना करवाते हैं, लेकिन यदि आप भी कलश स्थापना स्वयं करना चाहते हैं, तो आप यहां दिए गये इस समय और विधि के अनुसारघर में कलश स्थापना कर सकते हैं|
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कलश स्थापना सामग्री
एक मिट्टी का पात्र, लाल रंग का आसन, जौ, कलश के नीचे रखने के लिए मिट्टी, कलश, मौली, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, चावल, अशोका या आम के 5 पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, माता का श्रृंगार और फूलों की माला.
ऐसे करें कलश स्थापना
1. नवरात्रि
के पहले दिन ही नहाकर मंदिर की सफाई करने के बाद जमीन पर माता की चौकी लगा लें
2. फिर भगवान गणेश जी का नाम लें
3. इसके बाद मां दुर्गा के नाम की अखंड ज्योत जलाएं और मिट्टी के पात्र में मिट्टी डाल लें और उसमें जौ के बीच डालें
4. कलश या लोटा लेकरउस पर मौली बांधें और फिर उस पर स्वास्तिक बना लें
5. लोटे (कलश) पर कुछ बूंद गंगाजल डालकर उसमें दूब, साबुत सुपारी, अक्षत और सवा रुपया दाल दें
6. अब लोटे (कलश) के ऊपर आम या अशोक के 5 पत्ते लगा दें और नारियल को लाल चुनरी में लपेटकर रख दें |
7. अब इसके बाद कलश को जौ वाले मिट्टी के
पात्र के बीचोबीच रख दें
8. फिर माता के सामने व्रत का संकल्प लें
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
6 अप्रैल की सुबह 06:19 से 10:26 तक रहेगा
इस लिए की जाती है कलश स्थापना
बता दें कि कलश स्थापना को घट स्थापना भी कहा जाता है. कलश स्थापना मां दुर्गा का आह्वान है और शक्ति की इस माता का नवरात्रि से पहले वंदना बहुत ही शुभ होती है मान्यता है कि कलश स्थापना से देवी मां घरों में विराजमान रहकर अपनी कृपा बरसाती हैं.
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