मथुरा लोकसभा सीट का क्या है इतिहास, कौन हैं 2019 के प्रत्याशी कब होगी यहाँ वोटिंग

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Mathura Lok Sabha Election- 2019

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भगवान कृष्ण की जन्म स्थली के रूप में पूरे भारत में प्रसिद्ध मथुरा लोकसभा सीट राजनैतिक दलों के बीच आखाड़ा बनी हुई है| पिछले चुनाव में बॉलीवुड अभिनेत्री हेमामालिनी ने यहाँ से जीत दर्ज की थी| मथुरा लोकसभा सीट पर पहला लोकसभा चुनाव 1952 में हुआ था| पहले और दूसरे लोकसभा चुनाव में यहां से निर्दलीय प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी|

नोट: मथुरा लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होगा |

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1962 से 1977 तक लगातार तीन बार यह सीट कांग्रेस पार्टी के कब्जे में रही

1977 में कांग्रेस के खिलाफ चली आंधी में कांग्रेस को इस सीट से हाथ धोना पड़ा, यहाँ पर भारतीय लोकदल ने जीत दर्ज की

1980 में यह सीट जनता दल के कब्जे में चली गयी

1984 में कांग्रेस ने इस सीट पर अपनी जोरदार वापसी की थी

1989 में जनता दल के ने यहाँ पर वापसी की

1991, 1996, 1998 और 1999 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की, इस सीट पर बीजेपी के चौधरी तेजवीर सिंह लगातार 3 बार सांसद चुने गए

2004 में कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह ने यहां से वापसी की

2009 में बीजेपी के साथ लड़ी रालोद के जयंत चौधरी ने यहां से एकतरफा बड़ी जीत दर्ज की

2014 में मोदी लहर में अभिनेत्री हेमा मालिनी ने 50 फीसदी से अधिक वोट से जीत दर्ज की

कौन हैं 2019 के प्रत्याशी कब होगी यहाँ वोटिंग

भारतीय जनता पार्टी की ओर से हेमा मालिनी मैदान में हैं, इनको टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने महेश पाठक, राष्ट्रीय लोक दल ने कुंवर नरेंद्र सिंह, स्वतंत्र जनताराज पार्टी ने ओम प्रकाश को मैदान में उतारा है|

सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के बीच हुए गठबंधन के नियम के अनुसार यह सीट राष्ट्रीय लोक दल को दी गयी है| रालोद ने नरेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है| यहाँ से 3 निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी किस्मत आजमा रहे है, यहाँ पर कुल 17 लाख मतदाता हैं|

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