Onam 2019: आज बुधवार 11 सितंबर को दक्षिण भारत का प्रमुख त्योहार है, जिसका केरल में अत्याधिक महत्व होता है, और अब यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जा रहा है| इस पर्व की शुरुआत 1 सितंबर से हो जाती है, और फिर त्रयोदशी को इसका आखिरी दिन रहता है| इस दिन दक्षिण भारत के राज्यों में मंदिरों की बजाए घरों में पूजा होती है, जिसके लिए हर घर में तरह-तरह के व्यंजन बनाये जाते है, इसलिए आप भी जानिये इसकी मान्यताएं क्या है?
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ओणम का त्योहार राजा महाबली के स्वागत करने के रूप में मनाया जाता है| वहीं मान्यता है कि, राजा बलि कश्यप ऋषि वंशज और विष्णु भक्त प्रह्लाद के पोते थे|” वामन पुराण के मुताबिक़, असुरों के राजा बलि ने अपने बल और पराक्रम से तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया था| राजा बलि के आधिपत्य को देखकर इंद्र देवता घबराकर भगवान विष्णु के पास मदद मांगने पहुंचे, इसके बाद भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण किया और राजा बलि से भिक्षा मांगने पहुंच गए|
वामन अवतार में भगवान विष्णु ने बलि से तीन पग भूमि मांगी| पहले और दूसरे पग में भगवान ने धरती और आकाश को नाप दिया और इसके बाद तीसरा पग रखने के लिए कुछ बचा नहीं थी तो राजा बलि ने कहा कि, तीसरा पग उनके सिर पर रख दें| भगवान वामन ने ऐसा ही किया| इस तरह राजा बलि के आधिपत्य में जो कुछ भी था, वह देवताओं को वापस मिल गया|
भगवान वामन ने राजा बलि को वरदान दिया कि, वह साल में एक बार अपनी प्रजा और राज्य से मिलने जा सकते हैं| राजा बलि के इसी आगमन को ओणम त्योहार के रूप में मनाया जाता है| वहीं मान्यता है कि, राजा बलि हर साल ओणम के दौरान अपनी प्रजा से मिलने आते हैं और लोग उनके आगमन पर उनका स्वागत करते हैं|’10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व के खत्म होने से पहले दो दिनों का भी काफी महत्व माना जाता है|
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