फल-सब्जियों सहित खाने-पीने की चीजों के दाम घटने से खुदरा महंगाई दर (CPI) दिसंबर में घटकर 2.19 फीसदी पर आ गई | इससे पहले नवंबर में सीपीआई 2.33 फीसदी पर दर्ज की गई थी, जबकि पिछले वर्ष दिसंबर में खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा 5.21 फीसदी था |
ईंधन की कीमतों में आई गिरावट का प्रभाव खुदरा महंगाई दर सबसे अधिक पड़ा, जबकि इससे पहले जून 2017 में रिटेल महंगाई 1.46 फीसदी के निचले स्तर पर थी | सरकार की ओर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, खाद्य महंगाई दर शून्य से नीचे बनी हुई है| दिसंबर में खाद्य महंगाई दर -2.51 फीसदी दर्ज की गई, जो नवंबर में -2.61 फीसदी पर थी |
दिसंबर 2018 में देश में थोक महंगाई दर घटकर 3.80 फीसदी पर आ गई, जबकि यह पिछले 8 माह का सबसे निचला स्तर है | इससे पहले अप्रैल 2018 में थोक महंगाई का सबसे कम 3.62 फीसदी का आंकड़ा दर्ज किया गया था | केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, नवंबर माह में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक कम होकर 0.5 फीसद हो गया, जो 17 महीनों का निचला स्तर है, जबकि पिछले वर्ष इसी माह में यह आईआईपी 8.5 फीसदी दर्ज किया गया था।
औद्योगिक गतिविधियों में आई कमी के बाद एसबीआई कैपिटल की रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के लिए आरबीआई के जीडीपी अनुमान को कम करने की सलाह दी गई है । एसबीआई कैप सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में आरबीआई को चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी अनुमान को घटाकर 7 फीसदी करना चाहिए| आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए 7.4 फीसद जीडीपी का अनुमान लगा रखा है।