उतर बिहार में बाढ़ से हालात खराब, लेकिन ट्विटर पर भिड़े हैं तेजस्वी और सुशील मोदी

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इन दिनों देश में बाढ़ का कहर जारी है, कि बारिश की वजह कई राज्य प्रभावित हुए है| वहीं अब उत्तर बिहार में बाढ़ से हालात काफी खराब चल रहें है| इन हालातों के चलते प्रदेश  रविवार 14 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ की स्थिति पर मंत्री और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक रखी| वहीं विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, इस मुद्दे पर सक्रिय हुए इसके बाद उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने उन्हें एक साथ कई नसीहत दी|

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रविवार 14 जुलाई को तेजस्वी ने कई ट्वीट करते हुए कहा कि, बिहार के 15 जिले बाढ़ की चपेट में हैं |उत्तर बिहार की नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं| जान, माल, फसल, मवेशी का लगातार नुकसान हो रहा है, पर आत्ममुग्ध सरकार व बेपरवाह प्रशासन मदमस्त है | आम जनजीवन अस्त-व्यस्त होने की इन्हें क्यों चिंता होगी? आख़िर दोष प्रकृति को जो देना है | बाढ़ की विभीषिका से निपटने के सरकारी दावों की कलई पहले हफ्ते ही खुल गई |

इसी के साथ तेजस्वी ने कहा कि,  दावे अपनी जगह हैं और ‘सुशासन’ के दीमकों की कमाई अपनी जगह| हर वर्ष बाढ़ राहत व बचाव, तटबंध निर्माण, पुनर्वास के नाम पर अरबों का घालमेल व बंदरबांट ‘सुशासन’ की पहचान जो है| CM अब प्रकृति को दोषी ठहराएंगे| आगे उन्होंने कहा कि, नीतीश सरकार असम्भव हवाई सर्वेक्षणों की सरकार है| ऐसी उन्नत तकनीक NASA के पास भी नहीं | तेजस्वी के अनुसार मुख्‍यमंत्री चमकी बुखार, लू का हवाई सर्वेक्षण करते हैं तो मंत्री सूखाग्रस्त क्षेत्रों में अदृश्य बाढ़ से निपटने की तैयारियों का हवाई सर्वेक्षण करते हैं. धरातल की वास्तविक पीड़ा से इन्हें कोई सरोकार नहीं|

हालांकि फिर उन्होंने राजद कार्यकर्ताओं से आग्रह करते हुए कहा कि, अपने-अपने जिले में बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में यथासंभव मदद करें| प्रशासन से संपर्क स्थापित कर समस्याओं का निराकरण एवं उचित सुविधा मुहैया कराने में सहयोग करें|

इस पर उप मुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि, नेपाल और पूरे बिहार में लगातार बारिश के बाद कई नदियों में 50 हजार क्यूसेक तक पानी बढ़ने से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने तटबंधों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिये| गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन टीम को सतर्क किया| बिहार में एनडीआरएफ की टीम अब तक 750 लोगों को बचा चुकी है | 

मोदी ने इसके बाद तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि, सरकार राहत और बचाव के मोर्चे पर अपने कर्तव्य का पालन करने में जुटी है, लेकिन लू और चमकी बुखार से मौतों के दौरान भी जो 33 दिन तक जनता के बीच से गायब रहे, जनहित के सवाल पूछने विधानसभा में नहीं आये, वे किसी बाढ़ पीड़ित इलाके में जाए बगैर अपने एसी कमरे में बैठ कर सोशल मीडिया के जरिये सरकार को कोसने में लग गए| लालू प्रसाद ने आईटीवाईटी कह कर जिस सूचना क्रांति का मजाक उड़ाया था, उस तकनीक के जरिये बेटों ने गरीबों के बीच जाए बिना राजनीति करने का आरामदायक रास्ता खोज लिया, वे इतने बड़े हो गए कि गरीबों से दूर हो गए| 

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