आम चुनाव और मध्यावधि चुनाव किसे कहते है

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भारत में चुनावों का आयोजन भारतीय संविधान के अंतर्गत भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है। सभ्रांत लोग, जो मुख्य रूप से सरकार बनाने में रुचि लेते है, और वह अपने नागरिक कर्तव्य की पूर्ति के लिए वोट देते हैं| सरकार जिसकी भी बने, जैसी भी बने चुनाव के परिणाम सभी लोगो के लिए महत्वपूर्ण हैं|

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देश में पहली बार 1952 में लोकसभा का गठन हुआ था| भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) 364 सीटों के साथ पहले लोकसभा चुनावों के बाद सत्ता में आई थी, पूरे भारत में 44.87 प्रतिशत की चुनावी भागीदारी दर्ज की गई और पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले निर्वाचित प्रधानमंत्री बने थे, उनकी पार्टी ने मतदान के 75.99% (4,76,65,951) मत प्राप्त  किया था, तथा 17 अप्रैल, 1952 को गठित हुई लोकसभा ने 4 अप्रैल, 1957 तक का अपना कार्यकाल पूरा किया था।

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भारत की संसद के दो सदन लोक सभा और राज्य सभा हैं| लोक सभा में 545 सदस्य होते हैं, 543 सदस्यों का चयन पांच वर्षों की अवधि के लिए एकल सीट निर्वाचन क्षेत्रों से होता है, और दो सदस्यों को एंग्लो-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना जाता है |

राज्यों की परिषद (राज्य सभा) में 245 सदस्य होते हैं, जिनमें 233 सदस्यों का चयन छह वर्ष की अवधि के लिए होता है, जिसमें प्रत्येक दो वर्ष में एक तिहाई अवकाश ग्रहण करते हैं। इन सदस्यों का चयन राज्य और केंद्र (संघ) शासित प्रदेशों के विधायकों द्वारा किया जाता है। निर्वाचित सदस्यों का का चयन आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अंतर्गत एकल अंतरणीय मत के माध्यम से किया जाता है।

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आम चुनाव

निर्वाचन या चुनाव लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके द्वारा जनता अपने प्रतिनिधियों का चयन करती है । चुनाव के द्वारा ही आधुनिक लोकतंत्रों के लोग विधायिका के विभिन्न पदों पर आसीन होने के लिये व्यक्तियों का चयन किया जाता हैं। चुनाव द्वारा क्षेत्रीय एवं स्थानीय निकायों के लिये भी व्यक्तिओं का चुनाव होता है। लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्यों को एकल-सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्रों से प्रतिनिधियों का चयन मतदान द्वारा किया जाता है, एक निर्धारित समय अवधि के अनुसार होने वाले चुनाव को आम चुनाव कहते है |

मध्यावधि चुनाव

एक मध्यावधि चुनाव से तात्पर्य एक प्रकार के चुनाव से होता है, जहाँ कार्यकारिणी के कार्यकाल के मध्य में लोग अपने प्रतिनिधियों और अन्य उपनिदेशकों का चयन कर सकते हैं। मध्यावधि चुनाव जब कोई निश्चित सदस्य अपना पद त्याग देता है अर्थात जब कभी मंत्रीगण किसी पार्टी से अपना त्याग पत्र देते हैं,अथवा  समय से पहले ही जब लोकसभा भंग हो जाने कि स्थिति में मध्यावधि चुनाव होता है | दूसरे शब्दों में जब किसी पार्टी के प्रमुख अर्थात वर्तमान पद पर नियुक्त व्यक्ति द्वारा त्यागपत्र देने या आकस्मिक मृत्यु हो जानें पर कराये जानें वाले चुनाव को मध्यावधि चुनाव कहते है |

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लोकसभा जनता के प्रतिनिधियों से मिलकर बनी होती है, जिन्हें वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष निर्वाचन के द्वारा चुना जाता है। संविधान के अनुसार सदस्यों की संख्य अधिकतम 552 तक है, जिनमें 530 सदस्य राज्यों के व 20 सदस्य केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं, और दो सदस्यों को एंग्लो-भारतीय समुदायों के प्रतिनिधित्व के लिए राष्ट्रपति द्वारा नामांकित किया जाता है| ऐसा तब किया जाता है, जब राष्ट्रपति को लगता है कि उस समुदाय का सदन में पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है।

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