ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड के मामलों में निरंतर बढ़ रहे है, ओटीपी अर्थात वन टाइम पासवर्ड सिस्टम को सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है, लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है| हाल ही में कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में कई इंजीनियर इस ओटीपी चोरी का शिकार हो चुके है |
ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले जालसाजों ने चोरी का नया तरीका निकाला है। ओटीपी नंबर चोरी कर आपके बैंक खाते को कुछ ही मिनट में खाली कर सकते हैं। इस ओटीपी नंबर की चोरी के लिए वह दो तरीके इस्तेमाल करते हैं। पहले तरीके में जालसाज फोन पर स्वयं को बैंक का कर्मचारी बताकर आपसे ओटीपी नंबर पूछ लेते है, और दूसरे तरीके में वह मैलवेयर की सहायता से आपका ओटीपी चोरी कर आपके खाते से पैसे अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते है।
ये भी पढ़े: आरबीआई ने बैंकों को जारी किया अलर्ट, यूपीआई के जरिये हो सकती है धोखाधड़ी
इनक्रिप्टेड एसएमएस
ऐसे एसएमएस इनक्रिप्टेड होते हैं, और उसमें कोई अर्थ पूर्ण टेक्स्ट नहीं होता। हालांकि उसमें लिंक लगा होता है, जैसे ही पीड़ित उस लिंक पर क्लिक करता है, तो उसके फोन पर आने वाले सारे एसएमएस जालसाज के फोन पर ऑटोमेटिक ट्रांसफर हो जाते हैं। इस प्रकार जालसाज आसानी से ओटीपी चुराकर पीड़ित के खाते से पैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते है।
हालाँकि दो तीन माह पहले ऐसे कई मामले साइबर क्राइम के अधिकारियों के समक्ष आए थे, जिसमें शुरुआत में खाते से 5-10 हजार रुपये निकाले गए, लेकिन बाद में राशि बढ़ती गई और यह 50 हजार रुपये से लेकर लाखो तक पहुंच गई है । इस तरह के ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए बैंक द्वारा समय -समय पर अपने ग्राहकों को अलर्ट करते रहते हैं।